बिजनेस डेस्क। जैसे-जैसे आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की अंतिम तिथि, 15 सितंबर, नज़दीक आ रही है, दबाव बढ़ता जा रहा है। आयकर विभाग के पोर्टल पर रिटर्न दाखिल करने की गति धीमी है और देश भर के करदाता और पेशेवर संगठन समय सीमा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 9 सितंबर तक लगभग 5.14 करोड़ आईटीआर दाखिल किए जा चुके हैं, जबकि पंजीकृत व्यक्तिगत करदाताओं की संख्या 13.37 करोड़ है। इनमें से 4.84 करोड़ से ज़्यादा रिटर्न सत्यापित हो चुके हैं और लगभग 3.49 करोड़ संसाधित हो चुके हैं। यह समय सीमा उन व्यक्तिगत करदाताओं पर लागू होती है जिनके खातों का ऑडिट आवश्यक नहीं है।
फेडरेशन ऑफ कर्नाटक चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FKCCI) और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स एसोसिएशन, सूरत (CAAS) का कहना है कि इस साल पोर्टल पर लगातार तकनीकी गड़बड़ियाँ आईं और ITR यूटिलिटीज़ देर से जारी की गईं। CAAS ने कहा, "इस बार अनुपालन का बोझ असामान्य रूप से ज़्यादा है।"
बॉम्बे चार्टर्ड अकाउंटेंट्स सोसाइटी (BCAS) ने 1 सितंबर को CBDT को पत्र लिखकर ITR फाइलिंग, टैक्स ऑडिट और ट्रांसफर प्राइसिंग की समय सीमा बढ़ाने की माँग की।
टैक्स बार एसोसिएशन, भीलवाड़ा ने AIS, TIS और फॉर्म 26AS में डेटा बेमेल होने की शिकायत की है। उन्होंने कहा कि पोर्टल पर लॉगिन फेलियर और टाइमआउट जैसी समस्याएं अक्सर आ रही हैं।
चंडीगढ़ और गुजरात के समूहों ने भी कहा है कि यूटिलिटीज़ देर से मिलने के कारण टैक्स रिटर्न तैयार करने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाया।
इन सभी कारणों से आईटीआर दाखिल करने की गति पर सीधा असर पड़ा है। अब पेशेवर संस्थाएं और करदाता, दोनों ही उम्मीद कर रहे हैं कि सीबीडीटी इस बार भी राहत देगा और 15 सितंबर की तारीख आगे बढ़ा दी जाएगी। हालाँकि, सरकार की ओर से अभी तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।