ITR Filing 2025: अपना आईटीआर रिफंड स्टेटस ऑनलाइन कैसे चेक करें?
आयकर विभाग ने टैक्स रिफंड प्रक्रिया को तेज कर दिया है। अब करदाता कुछ घंटों में रिफंड पा रहे हैं, लेकिन कई को अब भी देरी का सामना है। ऐसे में जरूरी है कि करदाता रिफंड स्टेटस जांचें और जरूरी दस्तावेज अपडेट रखें, जिससे रिफंड में बाधा न आए।
Publish Date: Thu, 31 Jul 2025 01:41:01 PM (IST)
Updated Date: Thu, 31 Jul 2025 01:41:01 PM (IST)
टैक्स रिफंड की प्रक्रिया बेहद सरल हुई।HighLights
- टैक्स फाइलिंग के तुरंत बाद रिफंड मिलना शुरू
- तकनीक से रिफंड प्रक्रिया तेज और सुरक्षित
- कुछ मामलों में देरी की संभावना बनी हुई है।
बिजनेस डेस्क, इंदौर। टैक्नोलॉजी अब आयकर विभाग टैक्स रिफंड की प्रक्रिया को बेहद कम समय में पूरा कर रहा है। कई करदाताओं ने तो टैक्स फाइल करने के कुछ ही घंटों में रिफंड की राशि वापस मिलने की पुष्टि भी की है। यह पुराने दिनों की तुलना में एक बड़ा बदलाव है, जब रिफंड के लिए हफ्तों और महीनों का इंतजार करना पड़ता था।
हालांकि, कुछ करदाता अब भी वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए आयकर रिफंड में देरी का सामना कर रहे हैं। ऐसे लोगों के लिए यह जानना जरूरी है कि रिफंड का स्टेटस कैसे जांचा जाए और किन कारणों से देरी हो सकती है।
कब आता है टैक्स रिफंड?
आयकर रिफंड की राशि आमतौर पर ई-वेरिफिकेशन के 4 से 5 हफ्तों के भीतर ट्रांसफर कर दी जाती है। यह जरूरी है कि आप अपने बैंक खाते को पैन कार्ड जैसे यूनिक आइडेंटिफायर से प्री-वैलिडेट करवा लें, जिससे वित्तीय लेनदेन पूरी तरह सुरक्षित रहें।
इनकम टैक्स पोर्टल के जरिए ITR रिफंड स्टेटस कैसे चेक करें?
- वेबसाइट incometax.gov.in पर लॉग इन करें।
- "e-File" पर क्लिक करें, फिर "Income Tax Returns" चुनें और "View Filed Returns" पर जाएं।
- यहां आपको आपके फाइल किए गए सभी रिटर्न्स की स्थिति दिखेगी।
- "View Details" पर क्लिक करके आप रिफंड की स्थिति विस्तार से देख सकते हैं।
NSDL पोर्टल से रिफंड स्टेटस चेक करने की प्रक्रिया
- NSDL की वेबसाइट tin.tin.nsdl.com/oltas/refund-status-pan.html पर जाएं।
- अपना पैन नंबर डालें, असेसमेंट ईयर चुनें और कैप्चा भरें।
- "Proceed" पर क्लिक करें। अगली स्क्रीन पर आपको रिफंड से जुड़ी सभी जानकारियां मिल जाएंगी।
ITR फाइल करने की आखिरी तारीख बढ़ी
गैर-ऑडिट मामलों के लिए FY 2024-25 की ITR भरने की अंतिम तिथि 31 जुलाई से बढ़ाकर अब 15 सितंबर 2025 कर दी गई है। यदि आप इस डेडलाइन को चूक जाते हैं तो ₹5000 तक का जुर्माना, बकाया टैक्स पर ब्याज और कुछ हानियों को आगे नहीं ले जाने जैसी समस्याएं आ सकती हैं।