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डिजिटल डेस्क। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 21वीं किस्त जारी होने के बाद केंद्र सरकार ने किसानों के लिए एक और बड़ी राहत की घोषणा की है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) में उन दो अहम जोखिमों को शामिल कर लिया गया है, जिनकी मांग किसान लंबे समय से कर रहे थे - जंगली जानवरों द्वारा फसल नुकसान और अतिवृष्टि से होने वाला जलभराव या बाढ़। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को इसकी आधिकारिक जानकारी दी और कहा कि सरकार अब ऐसे नुकसान की पूरी भरपाई करेगी।
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसान जंगली जानवरों या भारी बारिश के कारण बर्बाद फसलों को लेकर अक्सर परेशान रहते हैं। उन्होंने किसानों को आश्वासन देते हुए कहा,
“अब आपकी दोनों सबसे बड़ी चिंताएं खत्म हो गई हैं। मोदी सरकार हर किसान को सुरक्षा कवच देने के लिए प्रतिबद्ध है।”
सरकार ने स्पष्ट किया है कि संशोधित नियम खरीफ 2026 से लागू होंगे। देशभर में जंगली हाथी, नीलगाय, जंगली सूअर, हिरण और बंदर बड़ी मात्रा में फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं। इन्हें अब PMFBY में Localized Risk की पांचवीं विशेष श्रेणी में शामिल कर दिया गया है। इससे किसानों को अलग से कागजी कार्रवाई या शिकायत लेकर भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
राज्य सरकारें अपने-अपने क्षेत्रों में सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाने वाले वन्यजीवों की सूची तय करेंगी। इसके बाद किसी किसान को फसल नुकसान होने पर 72 घंटे के भीतर फसल बीमा ऐप पर जियोटैग्ड फोटो अपलोड करनी होगी। मंत्रालय के अनुसार यह ढांचा पूरी तरह वैज्ञानिक, पारदर्शी और समयबद्ध बनाया गया है ताकि क्लेम अटकें नहीं।
2018 में धान की बाढ़ को बीमा दायरे से बाहर कर दिया गया था, जिससे तटीय व बाढ़-प्रभावित राज्यों के किसान लगातार परेशान थे। अब विशेषज्ञ समिति की सिफारिश के बाद इसे फिर से शामिल कर लिया गया है।
इस फैसले से ओडिशा, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, उत्तराखंड और पूर्वोत्तर के राज्यों के किसानों को सबसे ज्यादा राहत मिलेगी। सरकार का दावा है कि इससे लाखों किसानों का जोखिम कम होगा और फसलों को मजबूत सुरक्षा मिलेगी।