
टर्म लाइफ इंश्योरेंस का प्रीमियम छोड़ देना भले ही मामूली लगे, लेकिन यह आपके परिवार की आर्थिक सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है। सिर्फ एक बार प्रीमियम न भरने से आपकी पॉलिसी बंद हो सकती है, कवरेज रुक सकता है और उसे दोबारा चालू करना मुश्किल या महंगा पड़ सकता है।
यह जानना जरूरी है कि प्रीमियम चूकने के बाद क्या होता है, टर्म इंश्योरेंस की ग्रेस पीरियड लिमिट कितनी होती है और पॉलिसी लैप्स होने से कैसे बचा जा सकता है। इससे आप अपने परिवार की वित्तीय सुरक्षा को मजबूत रख सकते हैं।

अगर आप टर्म लाइफ इंश्योरेंस का प्रीमियम नहीं भरते, तो आपकी पॉलिसी तुरंत खत्म नहीं होती। बीमा कंपनियां आम तौर पर 15 से 30 दिनों का ग्रेस पीरियड देती हैं ताकि आप भुगतान कर सकें।
इस दौरान आपकी पॉलिसी सक्रिय रहती है, और आप बिना किसी जुर्माने के बकाया प्रीमियम भर सकते हैं। लेकिन अगर ग्रेस पीरियड खत्म हो जाता है और आप अब भी भुगतान नहीं करते, तो आपकी टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी लैप्स हो जाती है। एक बार लैप्स होने पर:
●आपका लाइफ कवर तुरंत खत्म हो जाता है।
●अगर आपके साथ कुछ होता है, तो परिवार क्लेम नहीं कर सकता।
●अब तक दिए गए सारे प्रीमियम बेकार हो जाते हैं।
●पॉलिसी दोबारा चालू करने के लिए मेडिकल जांच या अतिरिक्त शुल्क देना पड़ सकता है।
लैप्स के बाद कुछ बीमा कंपनियां आपको एक या दो साल के भीतर बकाया रकम भरकर और जरूरी औपचारिकताएं पूरी करके पॉलिसी फिर से चालू करने की अनुमति देती हैं। लेकिन यह गारंटी नहीं होती, क्योंकि अगर आपके स्वास्थ्य या जोखिम प्रोफाइल में बदलाव आया हो, तो कंपनी इसे अस्वीकार कर सकती है।
एक समाप्त हुई टर्म पॉलिसी आपके परिवार से वह एकमात्र सुरक्षा कवच छीन लेती है, जिस पर वे निर्भर होते हैं। जानिए यह उन्हें कैसे प्रभावित करती है:
अगर आप कुछ सरल आदतें अपनाते हैं, तो अपनी टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी को सक्रिय रखना बहुत आसान है।
●भुगतान को स्वचालित करें: अपने बैंक या यूपीआई के माध्यम से ऑटो-डेबिट या स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शन सेट करें। इससे भुगतान अपने आप हो जाएगा और भूलने की संभावना खत्म हो जाएगी, खासकर जब प्रीमियम चक्र लंबा या अनियमित हो।
●भरोसेमंद रिमाइंडर का उपयोग करें: ऑटो-पे के बावजूद एक बैकअप रिमाइंडर रखें। अपने फोन कैलेंडर में अलर्ट जोड़ें या बीमा कंपनी के एसएमएस और ईमेल अलर्ट सक्रिय करें। इससे आप किसी भी स्थिति में भुगतान की तारीख नहीं भूलेंगे, भले ही आपका बैंक खाता बदल जाए।
●भुगतान की तारीख को आय के साथ मिलाएं: अपने प्रीमियम भुगतान की अवधि को अपनी आय के अनुसार तय करें। उदाहरण के लिए, अगर आपको हर महीने वेतन मिलता है, तो मासिक प्रीमियम का विकल्प चुनें। इससे बजट बनाना आसान होगा और भुगतान चूकने की संभावना कम होगी।
●संपर्क विवरण अपडेट रखें: कई पॉलिसीधारक केवल इसलिए रिमाइंडर मिस कर देते हैं क्योंकि उनका फोन नंबर या ईमेल पता पुराना होता है। जब भी आप संपर्क विवरण बदलें, बीमा कंपनी को तुरंत सूचित करें ताकि आपको सभी नवीनीकरण रिमाइंडर मिलते रहें।
●प्रीमियम रिजर्व बनाएं: अपने खाते में एक छोटा रिजर्व रखें जो एक या दो महीने के प्रीमियम के बराबर हो। यह आपकी सुरक्षा के रूप में काम करेगा अगर आपकी आय में देरी हो जाए या अचानक कोई खर्च आ जाए।
●हर साल भुगतान सेटअप की समीक्षा करें: साल में एक बार जांचें कि आपका बैंक, यूपीआई या कार्ड जो भुगतान से जुड़ा है, वह अभी भी वैध है या नहीं। यह छोटी सी समीक्षा कार्ड की समाप्ति या खाता बंद होने की वजह से होने वाले असफल लेनदेन से आपको बचा सकती है।
एक बार जीवन बीमा का प्रीमियम चूक जाने से समस्याओं की श्रृंखला शुरू हो सकती है — कवरेज खोने से लेकर परिवार की आर्थिक सुरक्षा तक खतरे में पड़ सकती है। यह सिर्फ भुगतान में देरी नहीं है, बल्कि आपके परिवार की सुरक्षा को कमजोर कर देता है। अपनी टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी को सक्रिय रखना आपके प्रियजनों के लिए लंबे समय तक सुरक्षा और मानसिक शांति सुनिश्चित करता है।