कोरोना वायरस की दूसरी लहर का प्रकोप कम होते जा रहा है। ऐसे में शेयर मार्केट में निवेशकों की दिलचस्पी दोबारा बढ़ने लगी है। आने वाले कुछ समय शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव रहेगा, लेकिन लंबे समय के लिए निवेश करना का उचित समय है। जिन निवेशकों को शेयर बाजार की ज्यादा जानकारी नहीं है। उनकी म्युचुअल फंड मदद करता है। सभी म्युचुअल फंड एक समान नहीं होते है। एक इक्विटी फंड के पोर्टफोलियो में रखी गई आकार और निवेश के आधार पर लार्ज कैप, मिड कैप, स्मॉल कैप, फ्लेक्सी कैप और फोकस्ड फंड आदि कैटेगरी में रखा जाता है।
लार्ज, मिड और स्मॉल कैप फंड में दिग्गज, मझोली और छोटी कंपनिययों के शेयरों में निवेश करते हैं। फ्लेक्सी, मल्टी और फोकस्ड फंड एक से अधिक तरह की बाजार कैप वाली कंपनियों के शेयरों में निवेश कर सकते हैं। इन तीनों श्रेणियों के फंड का निवेश लार्ज, मिड और छोटे कैप शेयरों में किया जा सकता है। बस तीनों कैटेगरी के शेयरों में 25-25 प्रतिशत अनिवार्य है। जबकि फ्लेक्सी कैप फंड में मैनेजर तय करते हैं कि किस तरह के कैप वाले शेयरों में कितना निवेश करना है।
इसका लाभ यह है कि मार्केट के हिसाब से फंड मैनेजन पोर्टफोलियों में बदलाव कर सकते हैं। इससे लाभ और जोखिम पर नियंत्रण रहता है। सेबी के निर्देश अनुसार एक फोकस्ड फंड में अधिकतम 30 शेयर रह सकते हैं। जिसमें जोखिम की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में निवेशकों के लिए फ्लेक्सी कैप एक अच्छा ऑप्शन है। हालांकि इस कैटेगरी में जो फंड हैं, उनका इतिहास पुराना है। कई म्युचुअल फंड कंपनियों ने पुराने मल्टी कैप फंड का नाम बदलकर फ्लेक्सी कैप रख दिया है।
फ्लेक्सी कैप कैटेगरी ने पिछले साल में लगभग 55 फीसद तक रिटर्न दिया है। पिछले 3 और 5 साल में रिटर्न औसतन 15 प्रतिशत रहा है। हाल ही में आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्युचुअल फंड ने फ्लेक्सी कैप फंड का एनएफओ लॉन्च किया। इसमें 12 जुलाई तक निवेश किया जा सकता है। यह ओपन एंडेड स्कीम है। एनएफओ बंद होने के बाद दोबारा खरीद और ब्रिकी के लिए खुल जाएगा। इस स्कीम की खासियत यह है कि इसमें कम से कम 50 फीसद निवेश लार्ड कैप शेयरों में रहेगा, जबकि बाकी रकम मिड और स्मॉल कैप वाले शेयरों में निवेश की जा सकती है। फ्लेक्सी कैप में कम से कम पांच हजार रुपए निवेश से शुरुआत की जा सकती है।