बिजनेस डेस्क, नईदुनिया। तेजी से बदलती आर्थिक स्थितियों और अनिश्चित बाजार के दौर में सिर्फ निवेश करना ही काफी नहीं है। सही रणनीति और स्मार्ट प्लानिंग से टैक्स मैनेजमेंट करके भी आप अपनी कर योग्य आय में अप्रत्यक्ष रूप से बड़ा लाभ कमा सकते हैं। आज निवेशकों के लिए यह समझना आवश्यक हो गया है कि पैसिव इनकम और टैक्स सेविंग के तरीके उन्हें सिर्फ वर्तमान में नहीं, बल्कि भविष्य में भी आर्थिक रूप से सुरक्षित बना सकते हैं।
कमर्शियल प्रॉपर्टी से होने वाली किराया आय टैक्सेबल होती है, लेकिन इसे डेप्रिसिएशन (अवमूल्यन) के माध्यम से घटाया जा सकता है। यदि आप एक विशेषज्ञ से सलाह लेकर सही ढंग से टैक्स प्लान करें, तो यह आय टैक्स में बड़ी राहत दे सकती है।
जब आप कमर्शियल प्रॉपर्टी बेचते हैं, तो उस पर कैपिटल गेन टैक्स लगता है। लेकिन यदि आप बिक्री की राशि से नया री-इन्वेस्टमेंट करते हैं या नया होम लोन लेते हैं, तो टैक्स में बड़ी छूट प्राप्त की जा सकती है। ऐसे में, निवेश करने के बाद उस निवेश से होने वाली आय को टैक्स के नजरिए से मैनेज करना भी एक तरह का मुनाफा है।
बाजार में अस्थिरता के समय अपनी जोखिम क्षमता का पुनर्मूल्यांकन करें और जहां जरूरी हो, वहां निवेश के टूल और प्लान में बदलाव करें। यह जरूरी नहीं कि हर समय अधिक रिटर्न देने वाले निवेश ही सही हों, बल्कि ऐसे विकल्प चुनें जो टैक्स-बचत और स्थिर आय दोनों दें।
हर व्यक्ति की आर्थिक स्थिति अलग होती है, इसलिए अपने वित्तीय प्रबंधन की समीक्षा समय-समय पर किसी चार्टर्ड अकाउंटेंट या फाइनेंशियल प्लानर की मदद से करें। यह न सिर्फ आपकी टैक्स देनदारी को कम करेगा, बल्कि दीर्घकालिक समृद्धि के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा।