बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। EPFO Claim: ईपीएफओ ने हाल ही में कई नियमों में बदलाव किए हैं, ताकि सब्सक्राइबर्स को किसी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़े। संगठन ने चिकित्सा, शिक्षा, विवाह और कंस्ट्रक्शन के एडवांस क्लेम के लिए ऑटो-मोड सेटलमेंट की सुविधा शुरू की है। इसका फायदा 6 करोड़ से अधिक कर्मचारी उठा सकते हैं।
यह सुविधा कर्मचारियों को आपातकाल में आर्थिक मदद पहुंचाती है। पहले ईपीएफओ की इस सुविधा को क्लेम करने के लिए 15 से 20 दिन का वक्त लगता था, लेकिन अब ये काम तीन से चार दिन के अंदर हो जाता है। ऑटोमेटेड सिस्टम से क्लेम प्रोसेस काफी आसानी हो गई है।
इमरजेंसी में फंड के क्लेम सेटलमेंट के लिए ऑटो मोड की शुरुआत 2020 में हुई थी, लेकिन तब बीमारी के लिए पैसा निकाल सकते थे। अब एजुकेशन, शादी और खरीदने के लिए भी पीएफ से पैसा निकाल सकते हैं।
ईपीएफ खाते से एडवांस में एक लाख रुपये तक निकासी कर सकते हैं। पहले यह लिमिट पचास हजार रुपये थी। ऑटो सेटलमेंट मोड के जरिए एडवांस फंड निकालने का काम कर सकते हैं। तीन दिन के अंदर पैसा खाते में जमा हो जाता है। इसके लिए केवीईसी, क्लेम रिक्वेस्ट और बैंक खाते की जानकारी देनी पड़ती है।
स्टेप 1- यूएएन और पासवर्ड का उपयोग करके ईपीएफओ पोर्टल पर लॉगइन करें।
स्टेप 2- ऑनलाइन सर्विसेज में क्लेम सेक्शन पर जाना होगा। बैंक खाते वेरीफाई कर ऑनलाइन क्लेम पर क्लिक करें।
स्टेप 3- नया पेज खुलेगा। उसमें पीएफ एडवांस फॉर्म 31 का चयन करना होगा। फिर पीएफ खाते को सिलेक्ट करना है।
स्टेप 4- अब फंड निकालने की वजह, कितना पैसा चाहिए और एड्रेस की जानकारी भरनी होगी। इसके बाद पासबुक की कॉपी स्कैन कर अपलोड करनी होगी।
स्टेप 5- इसके बाद आपको आधार से वेरिफाई करना होगा। क्लेम प्रोसेस पूरी होने के बाद ऑनलाइन स्टेटस चेक कर सकते हैं।
स्टेप 1- सबसे पहले ईपीएफओ का आधिकारिक पोर्टल epindia.gov.in पर जाएं।
स्टेप 2- होम पेज पर सर्विसेज टैब पर क्लिक करें।
स्टेप 3- नीचे स्क्रॉल करें और फॉर एम्प्लोयी पर क्लिक करें।
स्टेप 4- अब यूएएन या ऑनलाइन सर्विस ऑप्शन पर क्लिक करें।
स्टेप 5- अब यूएएन, पासवर्ड और कैप्चा डिटेल्स दर्ज कर लॉगिन करें।
स्टेप 6- फिर आपका खाता खुल जाएगा। मैनेज विकल्प को चुनें।
स्टेप 7- जॉइंट डिक्लेरेशन विकल्प दिखाई देगा। अब सदस्य आईडी दर्ज करनी होगी।
स्टेप 8- वह जानकारी भरनी होगी जिसे अपडेट करना चाहते हैं।
ईपीएफओ ने निष्क्रिय खाते पर कंट्रोल बढ़ाने के लिए नए नियम लागू किए हैं। नए नियमों के तहत निष्क्रिय अकाउंट के लिए मानक संचालन प्रकिया को अपडेट किया गया है, जिसमें वैरिफिकेशन प्रोसेस शामिल है।
1. ऐसे खाते जिनमें तय पीरियड में कोई क्रेडिय या डेबिट नहीं हुआ है। उन्हें बिना ट्रांजेक्शन वाले खाते की श्रेणी में रखा गया है।
2. वे अकाउंट जो ईपीएफ स्कीम के तहत पहले से बनाए मापदंडों के तहत आते हैं। उन्हें निष्क्रिय की श्रेणी में रखा जाएगा। दोनों प्रकार के खाते में किसी निकासी या ट्रांसफर से पहले वैरिफिकेशन के प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा।