निर्पेन्द्र यादव/वरिष्ठ विश्लेषक/स्वस्तिका इंवेस्टमार्ट
घरेलु वायदा सोना-चांदी मे चार सप्ताह से चल रही मंदी पिछले सप्ताह भी कायम रही, हालांकि शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के स्थिर रहने और शेयर बाजारों में गिरावट के चलते कीमती धातुओं मे हल्का सुधार हुआ है ।
अमेरिकी डॉलर के गिरावट के साथ सोने में मामूली वृद्धि हुई, जो एक अनिश्चित आर्थिक दृष्टिकोण और उम्मीदों के परिणाम स्वरूप प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले कुछ हद तक ठीक हुआ है। लेकिन, रोजगार बाजार मे सुधार होने से कीमती धातुओं मे दबाव भी बना। भारत में मानसून अनुमान से बेहतर रहा है जिससे घरेलू बाजार मे सोने की हाजर मांग को समर्थन मिल सकता है।
फेडरल रिजर्व द्वारा बेंच मार्क ब्याज दरों को आगामी वर्षों तक कम रखने की खबरें की उम्मीद भी सोने का समर्थन कर रही है। श्रम बाजार में स्थिर विकास दर चिंताएं एवं अनिश्चितता पैदा कर रही हैं और सोने का समर्थन कर रही हैं। हालांकि, वैश्विक अर्थव्यवस्था मे गति आना और अमेरिका -चीन व्यापार पर पुनः बातचीत सोने के भाव को दबाव मे रख रही है। पिछले सप्ताह भारतीय और अमेरिकी शेयर बाजारों में गिरावट और सभी प्रमुख प्रौद्योगिकी शेयरों में बिकवाली ने सोने की कीमतों मे सुधार किया है। भारत मे कोवीड -19 के कारण प्रथम तिमाही की जीडीपी मे जबर्दस्त गिरावट और इसका निरंतर बढ़ता हुआ ग्राफ, कीमती धातुओं के भाव को समर्थन दे रहा है। अमेरिका से जारी होने वाले पैरोल और निजी पैरोल के मासिक आंकड़े मजबूत दर्ज किये गए जिससे सप्ताह के अंत तक सोने और चांदी के भाव मे फिर से गिरावट देखने को मिली। घरेलू वायदा सोना सप्ताह मे 1.75 प्रतिशत तथा चांदी मे 3 प्रतिशत की मंदी दर्ज की गई है। डॉलर सूचकांक मे पिछले सप्ताह करीब 1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
आगामी संभावना : इस सप्ताह अक्टूबर वायदा सोने के भाव में मंदी रह सकती है और इसमे 48,500 रुपये के निचले स्तर पर समर्थन तथा 51,000 रुपये के ऊपरी स्तर पर प्रतिरोध है। चांदी दिसंबर वायदा के भाव सीमित दायरे मेंं रहने की संभावना है और इसमें 66,000 रुपये पर समर्थन और 67,500 रुपये पर प्रतिरोध है।
प्रमुख आंकड़े: इस सप्ताह वैश्विक अर्थव्यवस्था से जारी होने वाले प्रमुख आंकड़े जिनमे, गुरुवार को यूरोपियन सेंट्रल बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी, अमेरिकी बेरोज़गारी के दावे, पीपीआई तथा शुक्रवार को सीपीआई के आंकड़े प्रमुख है।