वाशिंगटन। गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई अब इसकी पैरेंट कंपनी अल्फाबेट के भी सीईओ का कार्यभार संभालेंगे। इसके साथ वह दुनिया के सबसे शक्तिशाली कॉरपोरेट लीडर्स में शुमार हो गए हैं। पिचाई को नई जिम्मेदारी मिलते ही गूगल के सह-संस्थापक लैरी पेज और सर्गे ब्रिन ने अल्फाबेट में लीडरशिप की भूमिका से हटने की घोषणा कर दी है। पेज और ब्रिन ने सिलिकॉन वैली की कंपनी में बड़े बदलाव की घोषणा अपने कर्मचारियों को लिखे पत्र में की, जिसमें पिचाई का बयान भी शामिल है।
लैरी पेज और ब्रिन ने कहा कि सुंदर ने अल्फाबेट की स्थापना के वक्त गूगल के सीईओ रहते हुए और अल्फाबेट के निदेशक मंडल के सदस्य के नाते 15 साल तक हमारे साथ निकटता से काम किया है। अल्फाबेट की स्थापना के बाद से अब तक हमने किसी और पर इतना भरोसा नहीं किया। भविष्य में उनके अलावा कोई और गूगल और अल्फाबेट का इतने अच्छे तरीके से नेतृत्व नहीं कर सकता।
पिचाई के नेतृत्व की तारीफ
पेज और ब्रिन ने अपने ईमेल में कहा कि हम अल्फाबेट और टेक्नोलॉजी के जरिए बड़ी चुनौतियों से निपटने के दीर्घकालिक उद्देश्य को लेकर उत्साहित हूं। गूगल का सीईओ बनाए जाने के बाद से लेकर अब तक पिचाई के नेतृत्व की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय-अमेरिकी सीईओ हर दिन अपने उपभोक्ताओं, पार्टनर्स और कर्मचारियों के लिए टेक्नोलॉजी के प्रति गहरा जुनून पैदा करते हैं।
अल्फाबेट का बिजनेस
गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट इंक 2015 में शुरू की गई थी। यह इंटरनेट की दुनिया के अलावा सेल्फ-ड्रिवेन कार और लाइफ साइंस के क्षेत्र में दखल रखती है।
दो सीईओ की जरूरत नहीं
जब हम कि कंपनी को बेहतर तरीके से चलाने के बारे में सोचते हैं तो कभी भी खुद को मैनेजमेंट की भूमिका से बांधकर नहीं रखते। अल्फाबेट और गूगल को दो सीईओ और अध्यक्ष की जरूरत नहीं है। सुंदर पिचाई गूगल और अल्फाबेट, दोनों के सीईओ होंगे। उनके पास कार्यकारी जिम्मेदारी होगी।
- लैरी पेज और ब्रिन
बदलाव से बेअसर रहेगी कंपनी
इस बदलाव से अल्फाबेट के ढांचे या उसके काम पर कोई असर नहीं होगा। मैं गूगल पर ध्यान केंद्रित करता रहूंगा। साथ ही कंप्यूटिंग का दायरा बढ़ाने और गूगल को हर किसी के लिए अधिक मददगार बनाने का काम करता रहूंगा।
- सुंदर पिचाई, भूतपूर्व आईआईटियन
पिचाई का जन्म तमिलनाडु के मदुरई में हुआ था। वह आईआईटी खड़गपुर, ह्वार्टन बिजनेस स्कूल और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के भूतपूर्व छात्र रहे हैं।