अब पंच सुलझाएंगे स्पाइसजेट-मारन विवाद, हाई कोर्ट का आदेश
एयरलाइन को अदालत में जमा कराने होंगे 579 करोड़ रुपए
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Publish Date: Fri, 29 Jul 2016 03:54:41 PM (IST)
Updated Date: Fri, 29 Jul 2016 03:56:15 PM (IST)

नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने स्पाइसजेट, सन ग्रुप प्रमुख कलानिधि मारन और उनकी काल एयरवेज से कहा है कि वे स्पाइसजेट के शेयर ट्रांसफर से जुड़ा विवाद एक साल के भीतर पंचनिर्णय प्रक्रिया से सुलझाने के लिए पंच नियुक्त करें।
इसके साथ ही अदालत ने स्पाइसजेट को अगले 12 महीनों के दौरान अदालत में 579 करोड़ रुपए जमा कराने का निर्देश भी दिया है। मारन और उनकी विमानन कंपनी ने मांग उठाई है कि स्पाइसजेट की खरीद-बिक्री के 2015 के समझौते (एसपीए) के अनुसार उन्हें इस एयरलाइन के शेयर वारंट जारी किए जाएं। इसी एसपीए के आधार पर कम किराए वाली इस विमानन कंपनी के मालिकाना हक का ट्रांसफर इसके सह-संस्थापक अजय सिंह को किया गया था।
मारन का आरोप
मारन और उनकी कंपनी ने याचिका में आरोप लगाया है कि स्पाइसजेट को करीब 579 करोड़ रुपए का भुगतान करने के बावजूद विमानन कंपनी ने उन्हें शेयर वारंट या भुनाने योग्य तरजीही शेयर की पहली और दूसरी किश्त जारी नहीं की। उनका यह भी कहना है कि उनकी ओर से दी गई रकम से स्पाइसजेट के बकायों का भुगतान भी नहीं किया गया, जिसके कारण उनके खिलाफ मुकदमे खड़े हो गए।
अदालत का आदेश
न्यायमूर्ति मनमोहन सिंह ने स्पाइसजेट को निर्देश दिया वह 5 किस्तों में दिल्ली हाई कोर्ट के पंजीयक के नाम 579 करोड़ रुपए की सावधि जमा कराए। इसकी पहली किस्त अगस्त में जमा करानी होगी। अदालत ने कहा है कि स्पाइसजेट के शेयर किसी तीसरे पक्ष को जारी करने या ट्रांसफर करने पर रोक का अंतरिम आदेश बरकरार रहेगा।