कोरोना महामारी और इसके चलते देशभर में लागू लॉकडाउन के कारण नौ प्रमुख शहरों में मकानों की बिक्री 67 प्रतिशत घटकर 21,294 यूनिट रह गई। रियल एस्टेट सेक्टर के लिए यह बड़ा झटका है, जो लंबे समय से पूंजी की किल्लत का सामना कर रहा है। डेटा विश्लेषण फर्म प्रॉपइक्विटी के मुताबिक अप्रैल-जून, 2020 के दौरान देश के नौ प्रमुख शहरों में कुल 21,294 मकानों की बिक्री हुई। इसके मुकाबले अप्रैल-जून, 2019 के दौरान इन बड़े शहरों में 64,378 मकान बिके थे। इस तरह इस मामले में 67 प्रतिशत की भारी गिरावट दर्ज की गई।
रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के नोएडा (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र यानी एनसीआर का हिस्सा) को छोड़कर अन्य सभी आठ बड़े शहरों में मकानों की बिक्री घटी। एनसीआर के ही एक अन्य शहर गुरुग्राम में इस दौरान मकानों की बिक्री 79 प्रतिशत घटकर महज 361 यूनिट रह गई, जबकि पिछले साल अप्रैल-जून के दौरान यहां 1,707 मकानों की बिक्री हुई थी। चेन्नई और हैदराबाद में मकानों की बिक्री 74 प्रतिशत तक घट गई, जबकि बेंगलुरु में इस मामले में 73 प्रतिशत गिरावट दर्ज की गई। प्रॉपइक्विटी के मुताबिक मुंबई में रिहायशी प्रॉपर्टी की बिक्री 63 प्रतिशत, ठाणे में 56 प्रतिशत और पुणे में 70 प्रतिशत घटी है।
हाल ही में प्रॉपर्टी कंसल्टेंट फर्म एनारॉक ने कहा था कि एक अनुमान के मुताबिक इस साल अप्रैल-जून के दौरान देश के सात प्रमुख शहरों में मकानों की बिक्री 81 प्रतिशत घटकर 12,740 इकाई रह गई। नोएडा में बिक्री बढ़ीचालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के दौरान मकानों की बिक्री के मामले में नोएडा का प्रदर्शन बाकी बड़े शहरों से अलग रहा, जहां मकानों की बिक्री पांच प्रतिशत बढ़कर 1,123 से 1,177 यूनिट हो गई। फ्लैट मिलने में देरी एनसीआर के 68,000 से ज्यादा मकान ग्राहकों को साल 2020 में फ्लैट पर कब्जा मिलना था, लेकिन नवंबर-दिसंबर में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की तरफ से कंस्ट्रक्शन पर लगाए गए प्रतिबंध और फिर कोरोना वायरस का प्रसार रोकने के इरादे से लंबे समय तक चले लॉकडाउन के चलते उन्हें इस साल फ्लैट मिलने की संभावना कम हो गई है।
मजदूरों के घर लौटने से बिल्डरों के लिए मुश्किलें और बढ़ गईं हैं। लॉकडाउन खुलने के बाद मजदूरों को वापस आने में दो-तीन महीने लगेंगे। एक अन्य प्रॉपर्टी कंसल्टेंट फर्म जेएलएल की एक अध्ययन रिपोर्ट के मुताबिक, लॉकडाउन की वजह से एनसीआर में लगभग तीन लाख से ज्यादा फ्लैट्स की डिलीवरी में देरी होगी। इसमें से 1.24 लाख फ्लैट सबसे ज्यादा बिकने वाले मिड-सेगमेंट के हैं। इसमें वे दो लाख फ्लैट शामिल नहीं हैं, जो रुके हुए प्रोजेक्ट की लिस्ट में हैं।