अम्बिकापुर। बलरामपुर जिले के चांदो में महिला बाल विकास विभाग के द्वारा नुक्कड़ नाटक के माध्यम से कुपोषण के खिलाफ जागरूकता का अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में चांदो हाईस्कूल में आयोजित कार्यक्रम में एक छत्तीसगढ़ी गाने पर कलाकारों ने नृत्य का प्रदर्शन किया। इस गाने और नृत्य का दूर-दूर तक कुपोषण के प्रति जागरूकता से कोई लेना-देना देना नहीं है। ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन पर बड़ी राशी खर्च भी की जाती है, इससे विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठते हैं।
गांव के सभी स्कूल, मोहल्ले में नुक्कड़ नाटक दिखाकर कुपोषण से कैसे लड़ें, सही आहार सही समय कैसे लें, शादी विवाह सही उम्र पर हो, प्रसव अस्पताल में ही कराएं जैसी नुक्कड़ प्रस्तुति दे रही है। परंतु जब यही टीम चांदो हाइस्कूल पहुंची तो छात्र-छात्राओं के बीच टनाटन टूरी सहित अन्य गानों पर फूहड़ता भरे नृत्य करते दिखे। इसे रोकने का प्रयास स्कूल प्रशासन की ओर से भी नहीं किया गया और सभी मूकदर्शक बने रहे।
स्कूल के सभी स्टाफ इस गाने के साथ चल रहे नाच का आनंद ले रहे थे। ऐसे में कुपोषण मुक्ति के जागरूकता भरे नुक्कड़ नाटक की जगह आर्केस्ट्रा का माहौल नजर आ रहा था। यह कार्यक्रम जब शुरू हुआ तो स्कूल की छत में लोग चढ़ गए। सभी नियम-कानून को ताक में रखा गया।
छत्तीसगढ़ सरकार पूरे छत्तीसगढ़ में कुपोषण से लड़ने के लिए पोषण आहार जागरूकता अभियान चला रही है, जिसके तहत कलाजत्था के कलाकारों की टीम के द्वारा कुपोषण मुक्ति के कार्यक्रम किए जाने हैं। विकासखण्ड कुसमी की परियोजना अधिकारी जसिंता लकड़ा का कहना है कि नुक्कड़ नाटक के माध्यम से ही छात्र- छात्राओं व ग्रामीणों को समझाना है। मुझे लगता है लोगों की फरमाइश पर इस प्रकार का गाना चला होगा।