0 हिदायतुल्ला विवि में एलएलएम के दौरान ही पहले प्रयास में हुए चयनित
0 आशीष का शुरु से ही अध्ययन-अध्यापन में था रुझान
अंबिकापुर । नईदुनिया प्रतिनिधि
सीतापुर विधायक अमरजीत भगत के पुत्र आशीष भगत का चयन सिविल जज के लिए हो हुआ है। कृषक व राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले परिवार के सदस्य के न्यायिक सेवा में चयनित होने पर पूरे परिवार में हर्ष का वातावरण है। प्रारंभ से ही पढ़ाई में मेधावी रहे आशीष ने पहले प्रयास में सिविल जज की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली और पूरे परिवार का नाम गौरवान्वित किया है। आशीष बिश्रामपुर व अंबिकापुर के स्कूलों में 12वीं तक पढ़ाई करने के बाद हिदायतुल्ला विश्वविद्यालय भोपाल से एलएलएम की पढ़ाई के दौरान ही सिविल जज की परीक्षा में शामिल हुए और सफलता हासिल की है।
सीतापुर विधायक अमरजीत भगत विधायक बनने से पूर्व बिश्रामपुर से लगे पार्वतीपुर गांव में निवासरत थे जहां उन्होंने परिवार के संघर्ष को नजदीक से देखा था। किस्मत ने उन्हें राजनीतिक में जगह दी और वे सीतापुर से कांग्रेस के प्रत्याशी बनाए गए और पहली बार ही जीत हासिल कर ली और 15 वर्षों से विधायक हैं। उनके तीनों बच्चे बचपन से ही राजनीतिक वातावरण में रह रहे हैं। इसके बावजूद मझले पुत्र आशीष भगत की इच्छा राजनीतिक चर्चा सुनने की नहीं थी। आशीष का मन अध्ययन-अध्यापन की ओर शुरु से ही था। पहले बिश्रामपुर के कार्मेल कान्वेंट स्कूल में पांचवीं तक की पढ़ाई करने के बाद वे अंबिकापुर आ गए और सेंट्रल स्कूल में हाईस्कूल तक की पढ़ाई करने के बाद नगर के ओरिएण्टल स्कूल में कक्षा 12वीं की पढ़ाई कर बीकॉम करने पुणे चले गए। बीकॉम के बाद क्लेट के माध्यम से हिदायतुल्ला विवि भोपाल से एलएलबी व एलएलएम करने लगे। इसी दौरान उन्होंने सिविल जज की परीक्षा दी और पहले प्रयास में ही चयनित हो गए। दो दिन पूर्व जब आशीष को पता चला कि वह सिविल जज में चयनित हो गया है उसने अपने विधायक पिता अमरजीत को फोन पर इसकी जानकारी दी। पुत्र के इस सफलता की खबर सुनकर विधायक श्री भगत व आशीष की माता श्रीमती कौशल्या भगत इतने उत्साहित हो गए कि उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा था कि उनका पुत्र न्यायाधीश बन गया है। 'नईदुनिया' से चर्चा करते हुए विधायक श्री भगत ने कहा कि मुझे राजनीति में दो दशक होने जा रहा है। मुझे समय ही नहीं मिलता कि मैं बच्चों की पढ़ाई के बारे में जान सकूं किन्तु इतना पता था कि आशीष पढ़ाने में काफी तेज है। उसकी माता उसका ख्याल रखती थी और उसे ही पता होता था कि आशीष कहां और क्या पढ़ाई कर रहा है। राजनीति से जुड़े होने के कारण बड़े पुत्र का रुझान राजनीति की ओर है किन्तु आशीष और छोटे पुत्र की इच्छा शुरु से अध्ययन-अध्यापन की रही है। मुझे अपने पुत्र आशीष पर गर्व है कि वह सिविल जज बन गया है।
लगातार मेहनत से मिलती है सफलता-आशीष
सिविल जज के रुप में चयनित आशीष भगत छोटू ने 'नईदुनिया' से चर्चा करते कहा कि लगातार मेहनत से किसी भी क्षेत्र में सफलता मिल सकती है। जरुरी नहीं पिता जिस क्षेत्र में है उसी क्षेत्र को चुना जाए। अपना मुकाम खुद हासिल करना चाहिए। मुकाम हासिल करने के लिए लगातार मेहनत करनी पड़ती है। मेहनत करने वालों को सफलता मिलनी सुनिश्चित रहती है। आशीष ने अपने इस सफलता श्रेय अपनी माता कौशल्या भगत व पिता अमरजीत भगत को दिया है।