नईदुनिया प्रतिनिधि, अंबिकापुर: दक्षिण-पश्चिम बिहार और समीपवर्ती पूर्वी उत्तर प्रदेश पर केंद्रित एक सुस्पष्ट अवदाब क्षेत्र एवं उससे जुड़े चक्रवाती परिसंचरण का असर उत्तर छत्तीसगढ़ में स्पष्ट रूप से देखने को मिल रहा है। मौसम विभाग के अनुसार यह सिस्टम पश्चिम-उत्तर पश्चिम दिशा में सक्रिय है, जिससे लगातार बारिश का सिलसिला जारी है। उत्तर छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर, बलरामपुर, सरगुजा सहित कई इलाकों में बीते तीन दिनों से रुक-रुककर हो रही बारिश ने जनजीवन को खासा प्रभावित किया है।
बुधवार को भी सुबह से ही बारिश का क्रम थमा नहीं और पूरे दिन पानी बरसता रहा। इससे सड़कों पर जलजमाव की स्थिति बन गई है, खेतों में पानी भर गया है और बाजारों में सन्नाटा छाया हुआ है। लगातार हो रही बारिश से जहां कई जलाशय और जलस्रोत लबालब हो गए हैं, वहीं पेयजल आपूर्ति के लिए उपयोगी बांकी जलाशय भी अब 70 प्रतिशत तक भर चुका है। यह स्थिति पेयजल संकट से जूझ रहे क्षेत्रों के लिए राहत जरूर है, लेकिन किसान वर्ग के लिए यह बारिश अब चिंता का कारण बनती जा रही है।
धान की रोपाई की प्रक्रिया पर इसका प्रतिकूल असर पड़ा है। खेतों में अधिक पानी भर जाने से किसान फसल की बोवाई नहीं कर पा रहे हैं और अब वे कुछ दिनों की राहत की आस लगाए बैठे हैं ताकि खेतों में कार्य सुचारु रूप से हो सके।बाजार ठप, स्कूल पहुंचने में दिक्कत-बारिश ने आम जनजीवन के साथ स्थानीय कारोबार को भी ठप कर दिया है। अंबिकापुर शहर के प्रमुख बाजारों में ग्राहकों की आवाजाही बेहद कम रही, जिससे व्यापारी वर्ग दिनभर ग्राहकों का इंतजार करते रहे। उधर, बच्चों को स्कूल पहुंचने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। जलजमाव और लगातार भीगती सड़कों ने अभिभावकों की चिंता बढ़ा दी है।
मौसम विभाग ने क्षेत्र में यलो अलर्ट जारी करते हुए अगले दो दिनों तक और बारिश होने की संभावना है। लोग सावधानी बरतें। खासकर निचले इलाकों और जलभराव संभावित स्थानों में सतर्कता बरतें। इस बार मानसून उत्तर छत्तीसगढ़ पर पूरी तरह मेहरबान नजर आ रहा है, लेकिन अब यह मेहरबानी कुछ क्षेत्रों में मुसीबत का रूप भी लेती दिख रही है। आने वाले दिनों में यदि बारिश की रफ्तार नहीं थमी, तो हालात और गंभीर हो सकते हैं।