Ambikapur News: परिवार ही भारत की असली पूंजी : पंडित विजय शंकर मेहता
Ambikapur News: पंडित विजयशंकर मेहता ने कहा है कि खुशियां परिवार में ही है।परिवार ही भारत की असली पूंजी है
By Yogeshwar Sharma
Edited By: Yogeshwar Sharma
Publish Date: Sun, 02 Apr 2023 12:20:43 AM (IST)
Updated Date: Sun, 02 Apr 2023 12:20:43 AM (IST)

अंबिकापुर(नईदुनिया प्रतिनिधि)।अंतरराष्ट्रीय ख्यात प्राप्त पंडित विजयशंकर मेहता ने कहा है कि खुशियां परिवार में ही है।परिवार ही भारत की असली पूंजी है।इस पूंजी को हमें आजीवन संभाल कर रखना है।
अंबिकापुर के कलाकेंद्र मैदान में पंडित विजय शंकर मेहता ने हनुमान चालीसा और परिवार प्रबंधन पर पर आयोजित व्याख्यान की शुरुआत हनुमान चालीसा की संगीतमयी मनोहारी प्रस्तुति से की।उन्होंने कहा कि हनुमान चालीसा में जीवन के सारे गुण समाहित है।हनुमान जी और हनुमान चालीसा पर उनका व्याख्यान सुनने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे।पंडित विजयशंकर मेहता ने कहा कि अमेरिका जैसे विकसित देश में परिवार प्रबंधन विखंडित हो चुका है।हमारे यहां भी विकास की दौड़ में परिवारों के टूटने का खतरा बढ़ गया है।इस परिस्थिति से हमें बाहर निकलना होगा।
उन्होंने कहा कि भारत विकास करे लेकिन परिवार नहीं टूटना चाहिए।परिवार ही भारत की असली पूंजी है।उन्होंने विभिन्ना प्रसंगों और उदाहरणों के माध्यम से श्रोताओं को बांधे रखा।पंडित विजय शंकर मेहता ने कहा कि पूजा आदत नहीं पूजा स्वभाव होना चाहिए।अच्छी आदतों से परिवार और समाज चलता है।अच्छी आदतें ही पूजा है।आदतों से भगवान नहीं मिलता।स्वभाव से भगवान मिलते हैं।उन्होंने जीवन में पांच मार्ग से आने वाली अशांति का विस्तार से वर्णन किया।चार मार्ग से आने वाली अशांति में उन्होंने संसार,सपंत्ति,स्वास्थ्य को बताया।इन सबसे अलग संतान मार्ग से आने वाली अशांति को उन्होंने सबसे बड़ा कारण बताया।उन्होंने कहा कि संतान मार्ग से आने वाली अशांति से बड़े- बड़े परिवार टूट गए। उन्होंने जोर देकर कहा कि हमारी अशांति के लिए कोई दूसरा कारक नहीं बन सकता।हमारी अशांति के लिए हम स्वयं जिम्मेदार है। उन्होंने श्रोताओं से आह्वान किया कि यह आयोजन सिर्फ सुनने के लिए ही नहीं है।
यहां से जब जाए तो कुछ सीख कर जाएं और जीवन में बदलाव जरूर लेकर आएं। कथा स्थल से शांति लेकर जाने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि तन ही नहीं मन से भी कथा सुनना चाहिए।दूसरे के मन मे क्या चल रहा है यह कोई नहीं जान सकता।एक ऐसी मशीन बनी बनी है जिससे नोट निकलता है।एक और ऐसी मशीन आई है जिससे हम व्यक्ति ने पिछले दो घण्टे ने क्या किया इसे समझ सकते हैं इसके लिए उन्होंने मोबाइल की ओर इशारा किया। पंडित विजय शंकर मेहता ने कहा कि भारतीय संस्कृति जय पर विश्वास करती है पराजय स्वीकार नहीं। हनुमान चालीसा के साथ जीवन प्रबंधन का रहस्य बताते हुए उन्होंने कहा कि हनुमान उनका टाइटल है उनका असली नाम तो बजरंगी है।जो अपने मान का हनन कर दे वह हनुमान है। हनुमान जी लोगों के दिल पर राज करते हैं।उन्होंने आह्वान किया कि मां का आशीर्वाद बना कर रखना चाहिए।हमारा कार्य व्यवहार ऐसा होना चाहिए जिससे मां को कभी चोट मत पहुंचे।
स्वागत उद्बोधन आयोजक रामविचार नेताम ने दिया। उन्होंने पंडित विजय शंकर मेहता के सानिध्य में हनुमान चालीसा और परिवार प्रबंधन के व्याख्यान को अंचल के लिए ऐतिहासिक क्षण बताया।