अंबिकापुर । स्वास्थ्य के क्षेत्र में शनिवार आठ जुलाई 2023 को अंबिकापुर को बड़ी सौगात मिलेगी। अभी तक उधार और जुगाड़ की व्यवस्था में संचालित हो रहे मेडिकल कालेज को राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग(एनएमसी) के मानक के अनुरूप सर्वसुविधायुक्त स्वयं का अपना भवन मिल जाएगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव शहर के गंगापुर में निर्मित मेडिकल कालेज के भवन का लोकार्पण करेंगे।
374 करोड़ रुपये की लागत से मेडिकल कालेज का प्रथम चरण का कार्य पूर्ण हो चुका हैं।इसमें भवनों के अलावा लगभग दो किलोमीटर आंतरिक और चार किलोमीटर बाह्य सड़क के साथ बिजली,पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं विकसित करने का काम भी शामिल है। पूरी संभावना है कि उद्घाटन के बाद से मेडिकल की पढ़ाई इसी नए भवन में होगी।छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने मेडिकल कालेज भवन निर्माण को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा। स्वास्थ्य विभाग की जबाबदारी संभालने के कारण उन्होंने निर्माण की सारी बाधाओं को दूर किया।
मेडिकल कालेज भवन को 150 सीट के मानक पर तैयार किया गया है। यहां पिछले साल तक 125 सीटों पर एमबीबीएस प्रथम वर्ष में प्रवेश दिया गया था। इस सत्र से 150 सीटों के अनुरूप सारी व्यवस्था होने से विद्यार्थियों को भी बड़ी राहत मिलेगी।मेडिकल कालेज की स्थापना से गंगापुर क्षेत्र भी नए विकसित शहर के रूप में दिखाई देने लगा है।
भवन के अभाव में जीरो ईयर भी घोषित हुआ था मेडिकल कालेज
पूर्ववर्ती भाजपा शासनकाल मे बगैर आधारभूत सुविधाएं विकसित कर वर्ष 2016 में अंबिकापुर में मेडिकल कालेज की स्थापना कर दी गई थी।स्वयं का भवन नहीं होने के कारण दो सत्र में मेडिकल कालेज में प्रवेश की अनुमति भी नहीं मिली थी।राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने मेडिकल कालेज अंबिकापुर को जीरो ईयर घोषित कर दिया था।अब अधोसंरचना विकास की कमी से जीरो ईयर की स्थिति निर्मित नहीं होगी। मेडिकल कॉलेज को सर्व सुविधा युक्त अपना भवन मिल जाने से मान्यता को लेकर किसी प्रकार का कोई खतरा भी नहीं रहेगा।
जुगाड़ की व्यवस्था में संचालित हो रहा था कालेज
स्थापना के बाद मेडिकल कालेज का संचालन जुगाड़ की व्यवस्था में किया जा रहा था। आदिम जाति कल्याण विभाग के पुराने भवन जिसमें सैनिक स्कूल का संचालन किया जाता था उसमें मेडिकल कालेज का प्रशासनिक भवन संचालित था। सैनिक स्कूल के छात्रावास भवन को मेडिकल कॉलेज का छात्रावास बनाया गया था।बाद में स्थानाभाव को देखते हुए नर्सिंग कॉलेज और नर्सिंग कालेज के छात्रावास का भी अधिग्रहण किया गया था। गंगापुर में सैनिक स्कूल के पुराना छात्रावास परिसर में कुछ निर्माण कार्य करा कर किसी प्रकार से एमबीबीएस की पढ़ाई कराई जा रही थी। यहां से पहला बैच चिकित्सक बनकर निकल चुका है।अब यह सारी बाधाएं दूर हो गई हैं। वातानुकूलित व बेहतर साज सज्जा वाले साफ-सुथरे कमरों में एमबीबीएस के विद्यार्थी पढ़ाई करेंगे।
मेडिकल कालेज के साथ ये भवन पूर्ण,उपयोग भी किया जा रहा
आठ जुलाई शनिवार को मेडिकल कॉलेज के भवन का लोकार्पण किया जाएगा। इसके पहले ही यहां आवासीय भवनों का निर्माण पूर्ण कराया जा चुका है। छात्रावास भी बनकर तैयार हैं। इन भवनों को पहले ही मेडिकल कालेज प्रबंधन को हस्तांतरित किया गया है।जिन भवनों का उपयोग हो रहा है उनमें दो कन्या छात्रावास, दो बालक छात्रावास, एक -एक छात्रावास इंटर्न करने वाले पुरूष व महिला चिकित्सको के लिए , जूनियर डाक्टर पुरुष व महिला का एक-एक छात्रावास, नर्स हास्टल के अलावा आवासीय भवनों में डीन ,अधीक्षक के पृथक-पृथक आवास तथा प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर,असिस्टेंट प्रोफेसर, सिनियर व जूनियर रेजिडेंट, तृतीय व चतुर्थ वर्ग कर्मचारियों,नर्सिंग स्टाफ के लिए अलग-अलग टाइप के लगभग 10 ब्लाक शामिल है।आवासीय ब्लाक बहुमंजिली है।
अस्पताल के लिए अभी करनी होगी प्रतीक्षा
मेडिकल कालेज अस्पताल के लिए अभी थोड़ी प्रतीक्षा करनी होगी।मेडिकल कालेज के साथ ही अस्पताल का भी भवन निर्माण शुरू किया गया था लेकिन यह निर्माण कार्य अभी पूरा नहीं हुआ है। जब तक अस्पताल पूरा नहीं हो जाता। तब तक इसका संचालन वर्तमान व्यवस्था में ही किया जाएगा। अस्पताल के अलावा आडिटोरियम और गेस्ट हाउस का निर्माण होना शेष बचा है।