भिट्टीकला । नईदुनिया न्यूज
अंबिकापुर-बिलासपुर नेशनल हाइवे 130 में चल रहे सड़क निर्माण से इस मार्ग में रहने वाले लोगों को राहत की उम्मीद थी, इसके विपरीत धूल और कीचड़ ने लोगों का जीना दूभर कर दिया है। शहर सीमा पार करने के बाद लोधिमा, भिट्टीकला ग्राम में सड़क के किनारे बसे लोगों की जिंदगी सूखी सड़क में उड़ती धूल और पानी बरसने के बाद वाहनों की रफ्तार के आगे मिट्टी-कीचड़ का पानी घर, दुकान तक प्रवेश करने से अत्यंत खराब हो गई है। धूल के कण श्वांस की बीमारी का कारण बन रहे है। लोगों का व्यवसाय प्रभावित हो रहा है। सड़क निर्माण की धीमी गति के बीच कुछ हिस्सों में अतिक्रमण भी पूरी तरह से नहीं हट पाया है।
अंबिकापुर-बिलासपुर राष्ट्रीय राजमार्ग से लगा भिट्टीकला, लोधिमा ऐसे ग्राम हैं जिससे रोजाना हजारों लोगों का आवागमन होता है। शहर सीमा से लगे इन ग्रामों की दुर्दशा को देखते रोजाना कई अफसर, नेता गुजरते हैं पर क्षेत्रवासियों को सड़क के आधे-अधूरे निर्माण के बीच धीमी गति से चल रहे निर्माण कार्य से इनका कोई वास्ता नजर नहीं आता है। दोनों ग्राम की सीमा पर पूर्व में कई बार चक्काजाम कर विरोध प्रदर्शन जैसे कार्यक्रम भाजपा और कांग्रेस के द्वारा आयोजित किए जा चुके हैं। कोयला लोड ट्रेलरों की रफ्तार के आगे सड़क दुर्घटनाओं में कई बार सड़क लाल हुई और घंटों अफसरों के द्वारा चक्काजाम हटाने के लिए मान-मनौव्वल तक करना पड़ा है। सड़क के किनारे स्थित कई घरों में ट्रेलरों के घुसने जैसी घटनाओं से बड़ी अनहोनी टल चुकी है। सड़क का नवनिर्माण शुरू होने के बाद लोगों को राहत की उम्मीद थी लेकिन ठेकेदार की लापरवाही से काम काफी धीमी गति से चल रहा है, जिससे लोगों में आक्रोश है। सड़क में कई जगह मिट्टी डाल दिया गया है, इसकी वजह से वाहन चालकों को तो दिक्कत होती ही है, इस मार्ग में रहनेवाले भी परेशान हैं।
धूल के बारीक कण बने मुसीबत
भिट्टीकला के डॉ.सीएम झा, नितेश केडिया, अमरेश ठाकुर, संदीप कुजूर, शुभम, इंद्रजीत दास, यशवंत लोहार सहित अन्य का कहना है कि शुरुआती दौर में जिस प्रकार सीसी सड़क बनने की शुरुआत हुई उससे राहत की जगह परेशानी बढ़ गई है। अतिक्रमण हटाने जल्दबाजी दिखाने के बाद जनसामान्य को होती असुविधा को दरकिनार कर दिया गया है। ठेकेदार की मनमानी का खामियाजा वे भुगत रहे हैं। बारिश और सूखा दोनों ही इस मार्ग में रहने वालों के लिए मुसीबत बन गया है। धूल के बारीक कण आंख के साथ ही स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है। जगह-जगह सड़क की दुर्दशा से दुर्घटनाओं का खतरा बने रहता है। सड़क निर्माण और डिवाइडर का काम जल्द पूरा हो, इसे लेकर जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों की भी चुप्पी बरकरार रहना समझ से परे है।
वनोपज-खनिज नाका का बेरियर भी हटाया
हाइवे में वनोपज व खनिज जांच नाका का संचालन किया जा रहा है, जिसका बेरियर तोड़ देने से मालवाहकों के साथ खनिज के परिवहन में लगी ट्रेलरों सहित अन्य वाहनों को रोकने के लिए दौड़ लगाने की नौबत बन रही है। इन वाहनों के चपेट में कब कौन कर्मचारी आ जाएगा, कहना मुश्किल है। खपरपोश मकान में संचालित हो रहे वनोपज और खनिज जांच चौकी के सामने बारिश से दलदल की स्थिति बन गई है, जिसे वे स्वयं हाइवा से मिट्टी गिरवाकर पटवा रहे हैं ताकि वाहन चालकों को कागजात चेक कराने के लिए आने में दिक्कत न हो। इन्हें बेरियर का हटना खल रहा है क्योंकि कई वाहन चालक इसका फायदा उठाकर बेरोकटोक निकल लेते हैं।