नईदुनिया प्रतिनिधि, अंबिकापुर। सरगुजा राजपरिवार के निवास कोठीघर से पीतल की हाथी की मूर्ति नशेड़ियों ने चोरी की थी। पीतल की हाथी की मूर्ति को काटकर नशेड़ियों ने कबाड़ी को 7200 रुपये में बेच दिया था। इस राशि से वे 220 नग नशीला इंजेक्शन खरीद कर लाए थे। इनमें से 200 नग नशीला इंजेक्शन तथा पीतल की हाथी की मूर्ति के कटे हिस्से को पुलिस ने बरामद कर लिया है। प्रकरण में चोरी और चोरी का सामान खरीदने वाले कुल चार आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
यह घटना पुलिस के लिए चुनौती थी। सरगुजा राजपरिवार के निवास स्थान कोठीघर के मुख्य प्रवेश द्वार के दोनों ओर दो पीतल की हाथी की मूर्तियां रखी गई थी। बीते तीन अगस्त की रात पीतल की एक हाथी की मूर्ति चोरी कर ली गई थी। एक संदिग्ध भी सीसीटीवी कैमरे में नजर आया था। इसी आधार पर पुलिस की जांच चल रही थी। पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव व सरगुजा राजपरिवार के कोठीघर से चोरी की इस घटना से पुलिस की भी किरकिरी हो रही थी। एसएसपी राजेश अग्रवाल ने पुलिस अधिकारियों को आरोपितों की गिरफ्तारी के कड़े निर्देश दिए थे।
पुलिस जांच के दौरान सूचना मिली कि दो संदिग्ध युवक मो शरीफउल्ला और मो राजूल ने मिलकर पीतल की हाथी की मूर्ति चोरी की है। पुलिस को यह भी जानकारी मिली कि पीतल का हाथी चोरी करके उसे बेचकर नशीला इंजेक्शन खरीद कर खैरबार रोड नहर किनारे में नशेड़ियों के पास बेच रहे हैं। सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों को पकड़ा गया। आरोपितों ने अपना नाम मो शरीफउल्ला खान (27) निवासी अयान मार्ग मोमिनपुरा अंबिकापुर मो राजूल अंसारी (27) निवासी अयान मार्ग मोमिनपुरा बताया। इनसे पूछताछ के बाद पुलिस ने चोरी का पीतल का मूर्ति खरीदने वाले दो अन्य आरोपितों को भी पकड़ लिया।
इनमें इमरान (20) निवासी जाकिर कालोनी लखीपुरा रोड मेरठ वर्तमान निवास दर्रीपारा अंबिकापुर तथा शाकीर हुसैन (42) निवासी कुचैटा थाना अजीबनगर जिला रामपुर उत्तरप्रदेश हाल मुकाम बिलासपुर चौक दर्रीपारा अंबिकापुर शामिल हैं। कार्रवाई में थाना प्रभारी कोतवाली निरीक्षक मनीष सिंह परिहार, उप निरीक्षक सम्पत पोटाई, प्रधान आरक्षक अजय पाण्डेय, आरक्षक देवेंद्र पाठक, दीपक पांडेय, अमित विश्वकर्मा, नितिन सिन्हा, शिव राजवाड़े, मंटूलाल गुप्ता, मनीष सिंह, रमेश राजवाड़े सक्रिय रहे।
पुलिस ने बताया कि आरोपित शरीफउल्ला, अंबिकापुर के अयान मार्ग मोमिनपुरा का रहने वाला है। आटो चलाने के साथ-साथ मजदूरी का काम भी करता है। नशीला इंजेक्शन लगाने का आदी है। करीब एक माह पहले वह घूमते-घूमते कोठीघर की ओर गया था। यहां पोर्च में रखा पीतल का हाथी देखा था। घटना के दिन नशीला इंजेक्शन खरीदने के लिए रकम की जरूरत होने पर चोरी करने कोठीघर के बाउण्ड्री वाल के अंदर रात करीब 12 बजे घुसा और घर के सामने पोर्च में रखा पीतल का हाथी को चोरी कर अपने घर ले गया था। अगले दिन आरोपित ने अपने साथी साकिर हुसैन की बिरयानी दुकान में मूर्ति को छिपाकर रख दिया था।
पुलिस के अनुसार आरोपित शरीफउल्ला ने अपने दोस्त मो राजूल अंसारी को पीतल की हाथी की मूर्ति चोरी करना बताया। दोनों ने तय किया कि मूर्ति को काटकर वे बिक्री करेंगे। उससे मिलने वाली राशि से झारखंड से नशीला इंजेक्शन खरीद कर लाएंगे। उन इंजेक्शनों का स्वयं उपयोग करने तथा बिक्री कर लाभ कमाने की लालसा से मो राजूल अंसारी अपने घर से कटर मशीन लेकर शरीफउल्ला के घर आया और पीतल के हाथी को साथ में मिलकर काटकर छोटा-छोटा टुकड़ा करके बोरी में भर कर रख दिया था।
मो शरीफउल्ला एवं मो राजूल अंसारी ने पीतल के हाथी की मूर्ति को बेचने के लिए कबाड़ी इमरान मलिक से संपर्क किया। पीतल के हाथी का टुकड़ा 18 किलोग्राम को इमरान कबाड़ी कों 7200 रुपये में बेच दिया। उसके बाद दोनों आरोपित मो शरीफउल्ला एवं मो राजूल अंसारी बस से डाल्टेनगंज झारखंड जाकर 220 नग इंजेक्शन खरीद लिए। बस से वापस अंबिकापुर आकर दोनों उस इंजेक्शन का स्वयं उपयोग करने के साथ ही उसकी बिक्री भी कर रहे थे।इनके बताए अनुसार कबाड़ी इमरान और शाकीर हुसैन को भी पकड़ा गया। चोरी के अलावा एनडीपीएस एक्ट की धारा के तहत अपराध पंजीकृत कर सभी को न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है।