अंबिकापुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। सूरजपुर जिले के तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी विनोद राय को 11 करोड़ 36 लाख की खरीदी में गड़बड़ी के आरोप पर निलंबित कर दिया गया है। करोड़ों के घोटालों के आरोपों से घिरे विनोद राय (मूल पद प्राचार्य) को सूरजपुर के बाद बलरामपुर जिले का भी जिला शिक्षा अधिकारी बना दिया गया था। विनोद राय ,अंबिकापुर के शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में व्याख्याता के पद पर पदस्थ थे।
बाद में उन्हें प्राचार्य पद पर पदोन्नति मिली। कालांतर में वे राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान में सहायक जिला परियोजना समन्वयक के पद पर पदस्थ थे। कुछ महीनों तक सहायक संचालक शिक्षा का कामकाज संभालने वाले विनोद राय को पूर्ववर्ती कांग्रेस शासनकाल में प्रभारी जिला शिक्षाधिकारी सूरजपुर के पद पर पदस्थ कर दिया गया था। यहां पदस्थापना के दौरान उन्होंने नियमों के विपरीत करोड़ों की खरीदी की। कोरोना काल में सूखा राशन वितरण में वित्तीय अनियमितता की। आरोप है कि खरीदी नियमों की अनदेखी कर फर्जी बिल वाउचर से घोटाला किया। स्थानीय स्तर पर जांच शुरू हुई तो पता चला कि कोरोना से बचाव के नाम पर बंद स्कूल भवनों को सैनिटाइज करने और मास्क,ग्लोब्स, सैनिटाइजर की खरीदी में बड़ी गड़बड़ी की गई। बड़ी वित्तीय अनियमितता के बावजूद उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसका परिणाम यह हुआ कि विनोद राय फर्नीचर खरीदी घोटाले में भी फंस गए। शैक्षणिक सत्र 2022-23 में स्कूलों में फर्नीचर आपूर्ति के लिए 71 लाख 840 रुपये तथा गैर कार्यालयीन फर्नीचर के लिए एक करोड़ 42 लाख 72 हजार 485 रुपये आबंटित किए गए थे। उसी समय आरोप लगा था कि खुले बाजार में दो से तीन हजार रूपये में मिलने वाले फर्नीचर की खरीदी सात से आठ हजार रूपये में की गई है। निर्धारित संख्या के अनुरूप फर्नीचर क्रय भी नहीं किया गया है।
अधिवक्ता डीके सोनी की शिकायत पर तत्कालीन संभागायुक्त ने जांच के भी आदेश दिए थे लेकिन इसका कोई नतीजा निकलकर सामने नहीं आया। लगातार घोटालों के आरोपों से घिरे विनोद राय को कांग्रेस शासनकाल में ही सूरजपुर के स्थान पर बलरामपुर का जिला शिक्षा अधिकारी नियुक्त कर दिया गया था। सूत्रों के अनुसार पूर्ववर्ती कांग्रेस शासनकाल में तत्कालीन शिक्षा मंत्री डा प्रेमसाय सिंह के वे बेहद करीबी थे। डा प्रेमसाय सिंह, सूरजपुर जिले के प्रतापपुर विधानसभा से विधायक निर्वाचित हुए थे। तत्कालीन मंत्री से नजदीकियों का विनोद राय ने अनुचित लाभ उठाया था। अब विधानसभा में उनके निलंबन की घोषणा की गई है।
डेस्क-बेंच खरीदी के लिए आबंटित राशि
पहली बार आबंटन-
0 प्राथमिक शाला - 2401637 रुपये
0 पूर्व माध्यमिक शाला- 1803904 रुपये
0 उच्चतर माध्यमिक शाला - 2895299 रुपये
कुल - 7100840 रुपये
दूसरी बार आबंटन
0 पूर्व माध्यमिक शाला - 6280148 रुपये
0 हाई एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल- 7992037 रुपये
कुल - 14272485 रुपये
अंबिकापुर-रायपुर से खरीदी
रायपुर की फर्म को डेक्स व बैंच 542-542 नग आपूर्ति की अनुमति थी। अंबिकापुर के व्यवसायिक संस्थान को 504 डेस्क व 504 बेंच आपूर्ति का आदेश दिया गया था। इसके लिए नियमों का पालन नहीं हुआ।
ये हुई गड़बड़ी
0 निर्धारित संख्या से कम डेस्क-बेंच की खरीदी।
0 गुणवत्ता विहिन डेस्क -बेंच की खरीदी।
0 भौतिक सत्यापन नहीं किया गया।
0 पारदर्शी तरीके से खुली निविदा का प्रकाशन नहीं।
0 छत्तीसगढ़ भण्डार क्रय नियम का पालन नहीं।
0 स्टाक पंजी का संधारण व गुणवत्ता जांच नहीं।
0 कम दर्ज संख्या वाले स्कूलों में बिना उपयोगिता घटिया डेस्क-बेंच आपूर्ति।