नईदुनिया प्रतिनिधि, अंबिकापुर : उत्तर छत्तीसगढ़ रेल सुविधा में पिछड़ा हुआ है। अंबिकापुर से रेल लाइन विस्तार की वर्षों पुरानी मांग के अनुपालन में एक साथ दो रेल लाइन का अंतिम सर्वे पूरा कर रेलवे बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत किया गया है। इसमें अंबिकापुर से रेणुकूट (उत्तर प्रदेश ) और अंबिकापुर से बरवाडीह (झारखंड) नई रेल लाइन शामिल है। इनमें से अंबिकापुर-रेणुकूट रेललाइन ज्यादा उपयोगी है। इसकी दूरी और लागत दोनों कम है।दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की ओर से जानकारी दी गई है कि अंबिकापुर-रेणुकूट नई रेललाइन की अनुमानित लागत 8,217 करोड़ (दोहरी लाइन) है। अंबिकापुर से इसकी दूरी 152 किलोमीटर है। इसके विपरीत अंबिकापुर-बरवाडीह नई रेल लाइन 198 किलोमीटर की है। इसके निर्माण में 9,030 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस क्षेत्र में जंगल सर्वाधिक है। आबादी भी विरल है। इस क्षेत्र में कोयला की खदानें भी नहीं हैं। रेणुकूट तक प्रस्तावित रेल लाइन में वर्तमान में कई कोयला खदान संचालित है। कोल ब्लाक भी है जहां से भविष्य में कोयला उत्पादन और परिवहन का कार्य होगा।
तो कोरबा से अंबिकापुर होते जुड़ जाएगा रेणुकूट
रेल मंत्रालय द्वारा अंबिकापुर से कोरबा तक नई रेललाइन निर्माण के लिए अंतिम सर्वे के लिए राशि के प्रविधान से भी कोरबा से अंबिकापुर होते रेणुकूट रेललाइन निर्माण को बल मिल रहा है। यह कई वर्ष पुरानी मांग है। इस मांग को लेकर सरगुजा क्षेत्र रेल संघर्ष समिति के बैनर तले क्षेत्रवासियों द्वारा रेणुकूट से अंबिकापुर तक पदयात्रा भी की जा चुकी है।छत्तीसगढ़ विधानसभा में अंबिकापुर - रेणुकूट रेल लाइन का संकल्प सर्वसम्मति से पारित भी हुआ है।
रेणुकूट रेल लाइन
0 दूरी - 152.30 किमी
0 लागत -8217.97 करोड़
0 ईआइआरआर -19.50 प्रतिशत
0 एफआइआरआर - 5.51 प्रतिशत
0 डीपीआर जमा - अक्टूबर 2023
बरवाडीह रेल लाइन
0 दूरी - 199.98 किमी
0 लागत -9030.43 करोड़
0 ईआइआरआर -3.81 प्रतिशत
0 एफआइआरआर - (-) 0.52 प्रतिशत
0 डीपीआर जमा - जुलाई 2023
( नोट : ईआइआरआर इकोनामिकल इंटरनल रेट आफ़ रिटर्न, एफआइआरआर फाइनेंशियल इंटरनल रेट आफ रिटर्न)
इसलिए ज्यादा लाभकारी
अंबिकापुर - कोरबा रेल लाइन के फाइनल लोकेशन सर्वे के लिए बजट आबंटन भी हुआ है। अंबिकापुर - रेणुकूट लाइन जब निकट भविष्य में कोरबा से जुड़ जाएगा,जिसकी प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है, तो अंबिकापुर से प्रदेश की राजधानी रायपुर तक छह घंटे में और देश की राजधानी दिल्ली 13 घंटे में रेल मार्ग से जाना संभव हो पाएगा, जिससे उत्तर छत्तीसगढ़ के लोग सीधे लाभान्वित होंगे। अभी राजधानी रायपुर से ट्रेन द्वारा वाराणसी जाने में 844 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है। रेणुकूट- अंबिकापुर -कोरबा रेल लाइन बनने के बाद यह दूरी केवल 500 किलोमीटर की होगी। श्री राम का ननिहाल छत्तीसगढ़ सीधे अयोध्या से जुड़ जाएगा। धार्मिक व सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। शिक्षा,स्वास्थ्य की बेहतर सुविधा के लिए लोग कम समय में महानगरों तक जा सकेंगे। उत्तर छत्तीसगढ़ में रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
इनका कहना
अंबिकापुर - रेणुकूट प्रस्तावित रेलमार्ग अन्य सभी वैकल्पिक मार्गों की तुलना में कम लागत, कम दूरी वाला और ज्यादा उपयोगी है। यह रेल लाइन सरगुजा और सोनभद्र क्षेत्र के मूल संरचनात्मक आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा साथ ही बिखरे अनुसूचित क्षेत्रों को एक साथ जोड़ने के लिए जरूरी और महत्वपूर्ण है। इससे शिक्षा,स्वास्थ्य,पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
मुकेश तिवारी
सदस्य, क्षेत्रीय रेल उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे,बिलासपुर जोन