अंबिकापुर( नईदुनिया प्रतिनिधि)। राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अंबिकापुर के अर्थशास्त्र विभाग के द्वारा कौशल विकास,उद्यमिता एवं पर्यावरण विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। आयोजन के उदघाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में गुरुनानक देव विश्वविद्यालय के प्रो. विक्रम चड्ढा तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में इथोपिया के प्रो. टेसफाए गेडयो , नाइजीरिया के डा उस्मान अफ्फान ,दिल्ली के आरिफ सेख उपस्थित रहे | कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. रिजवान उल्ला ने की। महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डा एसके त्रिपाठी, डा रशीदा परवेज़ सिलफिली महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. रामकुमार मिश्रा की विशिष्ट उपस्थिति रही।
महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक संदीप कुशवाहा ने राज्यगीत प्रस्तुत किया। सर्वप्रथम सेमिनार के संयोजक प्रो.जयनारायण पाण्डेय ने दोनों दिन के कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की | प्रो. चड्ढा ने कहा कि कौशल विकास और उद्यमिता पर आयोजित यह सेमिनार निश्चित रूप से विद्यार्थियों और शोधार्थियों को एक नई राह दिखाने वाला साबित होगा।अध्यक्षयीय उद्बोधन में प्राचार्य प्रो रिजवान उल्ला ने कहा कि इस सेमिनार का उद्देश्य विद्यार्थियों को उद्यमिता के क्षेत्र की विविध चुनौतियों और संभावनाओं से रूबरू कराना है और यदि इस सेमिनार के पश्चात् विद्यार्थी इस तरह की कोई नई शुरुआत करते हैं तो निश्चित ही यह इस सेमिनार की उपलब्धि होगी।
उदघाटन सत्र के पश्चात प्रथम तकनीकी सत्र,द्वितीय तकनीकी सत्र तथा समान्तर रूप से आनलाइन तकनीकी सत्र आयोजित हुए | प्रथम तकनीकी सत्र की अध्यक्षता शासकीय नवीन कन्या महाविद्यालय की प्राचार्य ड रंजना नीलिमा कच्छप ने की तथा देश के विभिन्न हिस्से से आये हुए शोधार्थियों ने अपने शोध पत्र का वाचन किया। डा कच्छप ने शोधार्थियों के शोधपत्रों की तारीफ़ करते हुए कहा कि निश्चित ही भविष्य के लिए यह एक अच्छी उम्मीद है।उन्होंने आगे कहा कि उद्यमिता व्यवसाय से बिलकुल अलग चीज है। व्यवसाय तो कोई भी कर सकता है लेकिन उद्यमिता के क्षेत्र में वही जा सकता है जिसके पास नए आइडियाज हों और जो जोखिम उठा सकता हो।
द्वितीय तकनीकी सत्र में डॉ एच.
डी महार तथा प्रो टेसफाए गेडयो मुख्य वक्ता रहे। इसके अतिरिक्त विभिन्न शोधार्थियों ने शोध-पत्र का वाचन किया।आनलाइन तकनीकी सत्र में भी विभिन्न शोधार्थियों ने अपने शोधपत्र का वाचन किय।दोनों सत्रों का संचालन क्रमशः डा एमसी हिमधर तथा डा ब्रजेश कुमार ने किया।