अंबिकापुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। महाचक्रवात का रूप ले चुके 'यास' के चलते अगले तीन दिन सरगुजा संभाग पर भारी होंगे। इसकी आशंका मौसम विभाग ने भी जता दी है। यही कारण है कि शासन प्रशासन स्तर पर चक्रवात से प्रभावित होने वाले जिलों को सतर्क रहने कहा गया है। यास चक्रवात के कारण 26 से 28 मई तक सरगुजा, बलरामपुर, जशपुर और सूरजपुर जिले में तेज हवा के बीच गरज-चमक और वर्षा होने की संभावना है। सोमवार को आसमान में छाए हल्के बादल मौसम बदलने का संकेत दे रहे थे। मंगलवार से इसका असर ज्यादा दिखने लगेगा। हवा तेज चलने लगेगी और आसमान में घने बादल छा जाएंगे। मौसम विभाग के अनुसार यास चक्रवात के 26 मई को ओडिशा और पश्चिम बंगाल के पास पारादीप और सागर आईलैंड के तट के पास टकराने की संभावना है। इसके बाद यह ओडिशा से झारखंड की ओर बढ़ेगा। यही कारण है कि इसकी जद में झारखंड और ओडिशा से लगे सरगुजा संभाग के कई जिले आ रहे हैं। यहां करीब 50 किलोमीटर की गति से हवाएं चलेंगी और गरज-चमक के साथ बारिश होगी। लगातार तीन दिनों तक मौसम के प्रभावित रहने की संभावना है। चक्रवात के बाद जो नमी साथ आएगी वह बड़े इलाके में बारिश का कारण बनेगी। संभावित मौसम के खतरे को देखते हुए शासन स्तर पर तैयारियां शुरू हो गई हैं। अंबिकापुर विधायक और कैबिनेट मंत्री टीएस सिंहदेव ने रविवार को सरगुजा जिले के कांग्रेस पदाधिकारियों की आनलाइन बैठक में जरूरी इंतजाम के साथ लोगों की हरसंभव सहायता करने के निर्देश दिए हैं। इधर मौसम विभाग ने भी प्रभावित जिलों में सतर्कता बढ़ाने की बात कही है।
मानसून को और सक्रिय करेगा यास-
मौसम विज्ञानी एएम भट्ट के अनुसार यास चक्रवात के असर से मानसून को आगे बढ़ने में और मदद मिलेगी। मानसून अंडमान के रास्ते केरल की ओर अग्रसर है। इधर यास तूफान के बाद हवा का वेग और नमी मानसून को और आगे बढ़ाने में सहायक बनेंगे।
संभाग में सतर्कता बढ़ाने की जरूरत-
मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी में बना गहन अवदाब का क्षेत्र तूफान का रूप ले चुका है। यह शक्तिशाली होते हुए ओड़िशा, बंगाल के बीच आगे बढ़ रहा है। इसका व्यापक प्रभाव झारखंड के ऊपर दिख रहा है। झारखण्ड के समीपवर्ती सरगुजा संभाग के जिलों में इसका ज्यादा असर पड़ेगा और इन इलाकों में अभी से सतर्कता बरती जानी चाहिए।
'टाक्टे' के असर को नहीं भूले हैं लोग-
यास चक्रवात से कुछ दिन पहले ही पश्चिम इलाके में तबाही का कारण बने टाक्टे तूफान को लोग नहीं भूले हैं। हालांकि इसका सीधा असर उत्तरी छत्तीसगढ़ में नहीं पड़ा था लेकिन सरगुजा संभाग में पहले से सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ को इससे काफी बल मिल गया। इसके चलते सरगुजा संभाग में जगह-जगह तेज हवा के साथ मूसलाधार बारिश हुई थी। कई जगह पेड़ और डंगाल गिरने से पूरे जिले की बिजली व्यवस्था घंटों ठप हो गई थी। अब यास की दस्तक से बिजली विभाग की चिंता एक बार फिर बढ़ गई है।
तूफान से निपटने मैदानी अमले को तैयार रहने के निर्देश-
फोटो-2ए-जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों की बैठक लेते कलेक्टर संजीव झा
चक्रवात यास के प्रभाव से जनजीवन को होने वाली नुकसान की आशंका के मद्देनजर आपदा से बचाव की पूर्व तैयारी को लेकर सोमवार को जिला पंचायत सभाकक्ष में जनप्रतिनिधियो तथा जिला प्रशासन की बैठक कलेक्टर संजीव कुमार झा की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में प्राकृतिक आपदा से बचाव एवं राहत व्यवस्था हेतु तैयारियों एवं कार्ययोजना के संबंध में जनप्रतिनिधियों से चर्चा की गई। यास चक्रवात के मद्देनजर आंधी-तूफान से निपटने के लिए आपदा राहत से संबंधित विभागों को मैदानी अमलों के साथ सतर्क रहने के निर्देश दिए गए। कलेक्टर ने कहा कि यास चक्रवाती तूफान के 27 मई को सरगुजा पहुंचने की संभावना है। तूफान के प्रभाव को देखते हुए जिला स्तर के साथ ही जनपद स्तर पर भी आपदा राहत टीम का गठन कर सतर्क रखे। आपदा से निपटने के लिए राजस्व, स्वास्थ्य, नगर निगम, जल संसाधन, विद्युत, पीएचई, जिला सेनानी सहित प्राकृतिक आपदा राहत से संबंधित अन्य विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारियों के अवकाश पर 25 से 28 मई तक प्रतिबंध रहेगा। लोगों को चक्रवात के बारे में सूचित कर घर में रहने की हिदायत दें। बैठक में श्रम कल्याण मंडल के अध्यक्ष शफी अहमद, बीस सूत्रीय कार्यन्वयन के उपाध्यक्ष अजय अग्रवाल, महापौर डा.अजय तिर्की, जिला पंचायत सदस्य राकेश गुप्ता, पार्षद एवं एमआईसी सदस्य द्वितेंद्र मिश्रा, जिला पंचायत सीईओ विनय कुमार लंगेह, अपर कलेक्टर एएल धु्रव, एसडीएम प्रदीप साहू उपस्थित थे।