
नईदुनिया प्रतिनिधि, अंबिकापुर। बलरामपुर के धनंजय ज्वेलर्स में हुई चोरी के आरोपित उमेश सिंह की बलरामपुर पुलिस की अभिरक्षा में मौत का प्रकरण अब उलझ गया है। स्वजन ने मारपीट कर हत्या का आरोप लगाते हुए शव ले जाने से इनकार कर दिया है। बलरामपुर जिला अस्पताल के शवगृह के बाहर वाहन में मृतक का शव रखा हुआ है। स्वजन का कहना है कि उमेश की मौत पुलिस की पिटाई से हुई है। स्वजन का कहना है कि पुलिस अधिकारियों की ओर से आश्वासन दिया जा रहा है कि मामले की जांच एक सप्ताह में पूरी की जाएगी।
जांच के आधार पर कार्रवाई होगी, लेकिन स्वजन इतने दिनों तक प्रतीक्षा करने को तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि इस प्रकरण में तत्काल जिम्मेदारी तय कर कार्रवाई की जानी चाहिए। रविवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में पंचनामा और पोस्टमार्टम के बाद शव को गृहग्राम भेजने के लिए पुलिस ने सरकारी वाहन में रखवाया था, लेकिन स्वजन तैयार नहीं हुए। मृतक का शव अब भी अस्पताल परिसर के वाहन में रखा हुआ है और परिजन जांच व कार्रवाई की मांग पर डटे हुए हैं।
स्वजन ने भी अस्पताल परिसर में ही रात गुजारी। उधर सीतापुर विधायक रामकुमार टोप्पो ने पुलिस अभिरक्षा में युवक की मौत के मामले में बयान जारी कर कहा कि अगर कहीं भी चूक हुई है, तो दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। विधायक ने मृतक के स्वजन से बातचीत कर उन्हें निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है। उन्होंने पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से भी चर्चा की है और मामले की निष्पक्ष जांच व आवश्यक कार्रवाई करने की बात कही है।
विधायक ने बताया कि उन्होंने पोस्टमार्टम न्यायिक मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में कराए जाने का आग्रह किया था और स्वजन को निष्पक्ष जांच के लिए आश्वस्त किया है। वे पीड़ित परिवार के साथ हैं। मालूम हो कि बलरामपुर के धनंजय ज्वेलर्स में चोरी की घटना में कुल नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इनमें सीतापुर थाना क्षेत्र के ग्राम नकना निवासी उमेश सिंह भी शामिल था। पुलिस उमेश को साथ लेकर चोरी गए जेवरों की बरामदगी के लिए निकली थी।
रविवार की भोर में बलरामपुर लौटते समय उसकी तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसकी मृत्यु हो गई। स्वजन का कहना है कि उमेश को जब सात नवंबर को घर से पकड़ा गया, तभी से उसकी मारपीट की जा रही थी। आठ नवंबर को कुछ रिश्तेदार बलरामपुर पहुंचे भी थे, लेकिन उन्हें मिलने नहीं दिया गया। नौ नवंबर को जब उमेश के अस्पताल में भर्ती होने की सूचना मिली और स्वजन बलरामपुर पहुंचे, तब उन्हें बताया गया कि उसकी मौत हो गई है।
चोरी के आरोप पर पुलिस ने आठ लोगों को न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दिया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मृतक उमेश सिंह बीमार था। उसे ऐसी सिकलसेल की बीमारी थी। पिछले एक वर्ष में वह 10 बार अस्पताल में भर्ती हुआ था। उसे दो बार रक्त भी चढ़ाया गया था। पुलिस ने स्वजन के मारपीट के आरोपों को खारिज किया है। उनका कहना है कि उमेश की तबीयत खराब होते ही अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल में उपचार के दौरान उसकी मौत हुई है।