नईदुनिया प्रतिनिधि, अंबिकापुर : रेल मंत्रालय भारत सरकार ने अंबिकापुर से कोरबा तक नई रेल लाइन के लिए सर्वे को स्वीकृति दी है। इससे सरगुजांचल की जनता उत्साहित है। रेणुकूट से अंबिकापुर होते कोरबा तक रेल लाइन के लिए वर्ष 2020-21 में हुए सर्वे में अंबिकापुर से कोरबा तक की दूरी लगभग 207 किलोमीटर बताई गई है। इस सर्वे में कोरिया जिले से होते हुए रेल लाइन को अंबिकापुर से कोरबा तक जोड़ा गया है।
इसी कारण दूरी अधिक बढ़ गई है।सरगुजांचल के लोग अब अंबिकापुर से कोरबा तक नई रेल लाइन की कम दूरी वाले रूट से रेल प्रबंधन को अवगत कराने की तैयारी में है। अंबिकापुर से लखनपुर, केदमा, मतरिंगा, सियांग, चिर्रा, बताती होते कोरबा की दूरी सिर्फ 110 किलोमीटर ही है। इसी के आधार पर सर्वे हुआ तो अंबिकापुर से कोरबा तक रेल लाइन की दूरी कम हो जाएगी। दूरी कम होने से स्वाभाविक रूप लागत भी कम हो जाएगी। सरगुजा क्षेत्र रेल संघर्ष समिति के बैनर तले सरगुजा क्षेत्र की जनता अंबिकापुर से रेल लाइन विस्तार की मांग को लेकर मुखर हो चुकी है। अंबिकापुर से रेणुकूट तक नई रेल लाइन को लेकर पदयात्रा भी किया गया है। सांसदों, विधायकों ने भी इस मांग का समर्थन किया है। भारत सरकार की ओर से अंबिकापुर से कोरबा तक नई रेल लाइन के सर्वे के लिए राशि के प्रविधान से उम्मीद की जा रही है कि अंबिकापुर से रेल लाइन का विस्तार होगा। एनर्जी कारीडोर के तहत उत्तर व मध्य छत्तीसगढ़ को उत्तर प्रदेश से जोड़ने की योजना है।
तीन वर्ष पहले हुआ था सर्वे
कोरबा से अंबिकापुर होते रेणुकूट तक नई रेल लाइन के लिए वर्ष 2020-21 में सर्वे कराया गया है। इस सर्वे में कोरबा से रेणुकूट तक नई रेल लाइन की दूरी 351.70 किलोमीटर बताई गई है। इसमें कोरबा से अंबिकापुर तक 207 किलोमीटर तथा अंबिकापुर से रेणुकूट तक की दूरी 144 किलोमीटर बताई गई है। सर्वे में इस रेल लाइन निर्माण में कुल लागत 4973.84 करोड़ आंकी गई है।
इसलिए बढ़ गई थी दूरी
रेणुकूट से अंबिकापुर होते कोरबा तक नई रेल लाइन के लिए तीन वर्ष पहले सर्वे हुआ है। इसमें अंबिकापुर से कोरबा को जोड़ने रेल लाइन को कोरिया जिले से निकाला गया है। अंबिकापुर से सुखरी, जमदेई , कालीपुर (बतौली), उमेश्वरपुर, हर्राटिकरा,गणेशपुर, खड़गवां, जधारी ,नेवरी, सकडा, पुटीपखना, जटगा, बरबसपुर,पुरानी बस्ती, ज्वाली,मनगवां,गोपालपुर होते कोरबा को जोड़ा गया है। इस सर्वे में व्यापक विसंगति है। जिग - जैग की तरह सर्वे होने के कारण प्रस्तावित रेल लाइन की दूरी अधिक हो गई है।
पहले सर्वे में हुई विसंगति को इस बार नहीं होने देंगे
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर जोन के क्षेत्रीय रेल उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति के सदस्य मुकेश तिवारी ने कहा कि पिछले सर्वे में हुई विसंगति को इस बार नहीं होने देंगे। अंबिकापुर - कोरबा रेल लाइन का पिछला सर्वे वर्ष 2020-21 में सिकंदराबाद की एक कंपनी द्वारा किया गया था। इस सर्वे में अनेक विसंगतियां और कमियां हैं। सर्वे रिपोर्ट से पता चलता है कि कंपनी को ना तो सरगुजा क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति का ज्ञान है न ही धरातल पर जाकर सर्वे कार्य किया गया है।अंबिकापुर से सुखरी, जमदेई (जिला सूरजपुर) होते रेल लाइन को वापस सरगुजा जिले के बतौली के कालीपुर लाया गया है। यहां से फिर सूरजपुर जिले के रामानुजनगर क्षेत्र के उमेश्वरपुर में रेल लाइन ले जाकर वर्तमान एमसीबी जिले के खड़गवां तक ले जाया गया है। यहां से कोरबा तक के सर्वे में भी अनावश्यक रूप से ऐसे क्षेत्र से लाइन को ले जाया गया है जहां से दूरी अधिक हो रही है। इस सर्वे की विसंगति सरगुजांचल में रहने वाला हर व्यक्ति आसानी से समझ सकता है। उन्होंने कहा कि पिछली बार भटगांव - प्रतापपुर - वाड्रफनगर रेणुकूट के सर्वे में इसी कंपनी ने सूरजपुर जिले के भटगांव के बजाय बलौदाबाजार के भटगांव से सर्वे कर दिया था, जो रेल सुविधा की दृष्टि से निरर्थक और औचित्यहीन है। रेल प्रबंधन को इस कंपनी की कारगुजारी से अवगत कराते हुए कोरबा- अंबिकापुर के आगामी सर्वे कार्य से इस कंपनी को पृथक रखने के लिए सुझाव दिया गया है।
कोरबा -रेणुकूट व्हाया अंबिकापुर प्रस्तावित रेल लाइन
सर्वे वर्ष : 2020 -21
कुल दूरी : 351.70 किलोमीटर सिविल कार्य : 4100 .68 करोड़
इलेक्ट्रिकल कार्य : 426.96
एस एंड टी कार्य : 446.20
कुल लागत : 4973.84
रेलवे प्रशासन को कराएंगे अवगत
दक्षिण - पूर्व -मध्य रेलवे बिलासपुर जोन के क्षेत्रीय रेल उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति के सदस्य मुकेश तिवारी ने बताया कि कोरबा से अंबिकापुर तक नई रेल लाइन बिछाने के लिए सर्वे की स्वीकृति उत्तर छत्तीसगढ़ में रेल सेवा विस्तार की दिशा में बड़ा निर्णय है। यदि अंबिकापुर से लखनपुर, केदमा, मतरिंगा, सियांग, चिर्रा, बताती होते कोरबा को जोड़ा जाए तो पूर्व के सर्वे के विपरीत दूरी काफी कम हो जाएगी। अंचल के लोगों की इच्छा है कि हम कम दूरी वाले रुट से रेल प्रबंधन को अवगत कराएं ताकि उसी अनुरूप सर्वे हो सके।