रायपुर । सरगुजा लोकसभा सीट बीते तीन चुनावों में कांग्रेस एक भी बार नहीं जीती है, जबकि विधानसभा में वहां पार्टी अच्छा प्रदर्शन करती है। सरगुजा लोकसभा सीट में कुल आठ विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। 2008 और 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस वहां की क्रमश: चार और सात सीट जीती थी, लेकिन पांच महीने बाद हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी किसी भी विधानसभा में बढ़त नहीं बना पाई। सीतापुर विधानसभा सीट कांग्रेस लगातार चार बार से जीत रही है, लेकिन लोकसभा चुनाव में वहां कांग्रेस प्रत्याशी को बढ़त नहीं मिल पाती।
चार सीटें आईं, फिर भी नहीं मिली बढ़त
परिसीमन के बाद हुए 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में इस सीट में शामिल विधानसभा क्षेत्रों की संख्या घटकर आठ रह गई। 2008 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस चार सीटें जीती। इनमें प्रतापुर, लुंड्रा, अंबिकापुर और सीतापुर शामिल है। सामरी विधानसभा तो कांग्रेस ने करीब आठ हजार वोट के अंतर से जीता, लेकिन 2009 के लोस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी ने 19 हजार से अधिक वोट की बढ़त मिली। इसी तरह सीतापुर में भी भाजपा को करीब छह हजार वोट की बढ़त मिली।
इस बार सभी सीट कांग्रेस के कब्जे में
इस बार यहां की सभी आठों विधानसभा सीट कांग्रेस के कब्जे में हैं। पार्टी ने 30 से 40 हजार वोट के बड़े अंतर से तीन सीटों पर जीत दर्ज की है। देखना दिलचस्प होगा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में क्या रिजल्ट आता है।
2013 में सात सीट जीतने के बाद हार गए लोकसभा
राज्य में 2013 में हुए तीसरे विस चुनाव में कांग्रेस ने इस लोकसभा क्षेत्र में शामिल आठ में से सात सीटों पर जीत दर्ज की। सीतापुर 34 हजार, सामरी 17 हजार और अंबिकापुर में 19 हजार वोट के अंतर से कांग्रेस प्रत्याशी जीते। अप्रैल में जब लोस के लिए मतदान हुआ तो सामरी में पार्टी के प्रत्याशी को भाजपा से करीब 12 हजार वोट कम मिले। अंबिकापुर में भाजपा को 15 हजार वोट की बढ़त मिली।