
सीतापुर (नईदुनिया न्यूज)।बकरी चराने के दौरान हमउम्र सहेलियों के साथ नहाने गई सात वर्षीय बालिका की नदी में डूबने से मौत हो गई। रेत खनन के दौरान खोदे गए गड्ढे में जमे पानी मे यह दुखद हादसा हुआ।इस घटना के बाद से पूरा परिवार सदमे में है।
जानकारी के अनुसार राधापुर निवासी राजमिस्त्री सुरजन राम की सात वर्षीय बेटी अपने उम्र की सहेलियों के साथ बकरी चरा रही थी।इस दौरान वह सहेलियों के साथ मांड नदी में नहाने चली गई। नहाने के दौरान ढोढ़ीनुमा गड्ढे में डूबने से उसकी मौत हो गई। भीषण गर्मी के कारण मांड नदी पूरी तरह सूख चुका है। जिस जगह यह घटना हुई वहां पूर्व में रेत खनन की वजह से गड्ढा बन गया था।जिसमे पानी भरा होने के कारण वह काफी खतरनाक हो गया था।नहाने के दौरान सात वर्षीय मासूम उस गड्ढे में समा गई।बच्ची की सहेलियों की चीख पुकार के बाद मौके पर पहुंचे लोगो ने जब उसे बाहर निकाला,तब तक उस मासूम बच्ची की दम घुटने से मौत हो चुकी थी।इस घटना से दुःखी पिता सुरजन राम ने रेत खनन करने वालो पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसकी मासूम बच्ची की मौत के जिम्मेदार रेत खननकर्ता है।जिन्होंने रेत खनन करने के बाद गड्ढे को बिना पाटे छोड़ दिया।जिसकी चपेट में आने से बेटी सरस्वती की मौत हो गई।मासूम की मौत के बाद से पूरा परिवार सदमे में है।
लंबी प्रतीक्षा के बाद हुआ पोस्टमार्टम
सीतापुर में पोस्टमार्टम करने वाले कर्मचारी की सेवानिवृत्ति के बाद यहां दूसरे कर्मचारी नियुक्त नही होने से पोस्टमार्टम के लिए लंबी प्रतीक्षा करनी पड़ती है।बच्ची की मौत से पीड़ित परिवार को भी पोस्टमार्टम के लिए घंटो इंतजार करना पड़ा।सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पोस्टमार्टम हेतु स्थायी कर्मचारी नही होने के कारण स्वास्थ्य केंद्र बतौली से बुलाना पड़ता है।इसी कारण पीड़ित परिवार पोस्टमार्टम के लिए चीरघर के बाहर भूखे प्यासे उसकी प्रतीक्षा करते रहे।जब वह बतौली से आया तब जाकर बच्ची का पोस्टमार्टम हुआ।इस संबंध में अवकाश पर चल रहे बीएमओ अमोष किंडो ने बताया कि उक्त संबंध में उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है।उनके द्वारा ही इस पद के लिए स्थायी कर्मचारी की नियुक्ति की जाएगी।