बालोद। नईदुनिया न्यूज
मां सियादेवी मंदिर जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर नारागांव पर स्थित है जो प्राचीन काल से है। यहां पर त्रेतायुग की कहानी देखने-सुनने को मिलती है। यहां पर वासंतिक और शारदीय नवरात्रि पर ज्योति जलती है। यहां पर लोगों की बहुत भीड़ रहती है। अभी चैत्र नवरात्रि में 379 ज्योति प्रज्वलित है। जो लोगो के आस्था का प्रतीक है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता पत्थर से बना गुफा, झरना, झील, जंगल जो लोगो के मन को मोह लेता है। सियादेवी जो नाम है वह सीता माता के नाम पर रखा गया है। कहते है सीता माता सती के रूप में श्रीराम की परीक्षा लेते है और सीता माता को श्री राम जो है पहचान लेते है। इसलिए इसका नाम सियादेवी पड़ा है। यहां पर वाल्मीकि ऋषि की मूर्ति, शंकर माता पार्वती, गणेश, लव, कुश, सती माता की मूर्ति देखने को मिलती है। सीता माता जो है अपने बेटों के साथ लव और कुश के साथ इस जंगल में रहते थे। यहां पर सीता मैय्या के चरण के निशान देखने को मिलता है। यह धार्मिक और पर्यटक स्थल के रूप में जिले में अपनी अलग पहचान बना रखा है। यहां पर लोगों का आना हर माह होता है। तथा यह जो है पिकनिक स्पॉट के लिए भी मशहूर है। श्रद्घालुओं के लिए पांच दिवसीय रामचरित मानस का आयोजन किया गया है। साथ ही रात्रिकालीन कार्यक्रम भी रखा गया है ।
बॉक्स-नवरात्रि के पहले दिन से सीने पर ज्योति कलश स्थापित कर मंदिर में लेटी महिला
जिला मुख्यालय से तकरीबन 25 किलोमीटर दूर नारागांव के घने जंगलों और पहाड़ियों के बीच स्थित मां सियादेवी मंदिर में लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र माना जाता है। खासतौर पर नवरात्रि के दौरान यहां स्थित पांच हजार साल पुरानी मां सियादेवी की प्रतिमा की एक झलक पाने के लिए दूर दराज के भक्तों का तांता लगा रहता है। वहीं इस बार एक महिला द्वारा मां के प्रति अटूट आस्था का स्वरूप देखने को मिल रहा है। महिला मंदिर में लेटकर अपने सीने के ऊपर ज्योति कलश रखी हुई है। लिहाजा, नवरात्रि के इस पूरे नौ दिनों तक वह उसी अवस्था में लेटकर उस ज्योति कलश को अपने सीने पर रखी हैं॥ ऐसे में मंदिर में मां की प्रतिमा के दर्शन करने के साथ-साथ इस महिला की आस्था को भी देखने के लिए भक्तों का तांता लगा हुआ है। मिली जानकारी के मुताबिक इस मंदिर में कुल 379 मनोकामना ज्योति कलश भक्तों द्वारा प्रज्वलित की गई है। इसमें से एक महिला है जो एक ज्योति कलश को अपने सीने मे रख कर लेटी हुई है। यह महिला भानुप्रतापपुर के पास ग्राम मुल्ला की रहने वाली है। जो नवरात्रि के पहले दिन से ही इसी अवस्था में लेटी हुई है। बता दें कि पूरे नौ दिन तक महिला इसी अवस्था में रहेगी। श्रद्घा से यहां पर कुछ करने की इच्छा रखते हैं। उनको भगवत कृपा से आदेश मिलता है। देवताओं द्वारा कि अपने सीने में ज्योति जलाओं और उसी स्थान पर पूरे नौ दिनों तक सोए रहे ।यह ज्योति पूरे नौ दिनों तक जलती रहनी चाहिए।