दलजीत सिंह चावला/बलौदाबाजार
जिओ ने जिस तरह बीते दिवस फेसबुक के साथ मिलकर वााट्सएप के माध्यम से बिजनेस का प्लान बनाया है, इससे जिलेभर के व्यापारी चिंतित हैं। दरअसल पूरा मामला ई-कॉमर्स से जुड़ा है, जिससे आगामी समय से पूरे देशभर में केवल जिओ कंपनी की तूती ही बोलेगी। पूरा मामला व्यापार से जुड़ा हुआ है। इस समझौते के अनुसार जिओ फेसबुक के साथ जिओमार्ट प्लेटफार्म के माध्यम से रिटेल कारोबार बढ़ाने का करार हुआ है, इस करार के जमीनी स्तर में आने के बाद देश के तीन करोड़ रिटेल और छोटे व्यापारियों को घर-घर पहुंचाकर समान दिया जाएगा। जिससे ये रिटेलर केवल अपना आर्डर वाट्सएप के माध्यम से जारी करेंगे और जिओ के कर्मचारी इन छोटे रिटेलर को गांव-गांव तक पहुंचकर माल की सप्लाई करेंगे। इस करार से देश की दूसरी बड़ी कंपनियों का कारोबार प्रभावित तो होगा ही इसके अलावा जो अभी बड़े व्यापारी, छोटे दुकानदारों को माल की सप्लाई करते हैं उनका भी कारोबार पूरी तरह से प्रभावित होगा।
यह होगा घाटा
अभी तक जितने भी ई-कॉमर्स कंपनी भारत में चल रहे हैं, वो केवल ऑनलाइन खरीदारी पर कर्मचारी भेजकर समान की डिलिवरी करते हैं लेकिन जिओ-फेसबुक के समझौते से पूरा कारोबार पर इनका कब्जा हो जाएगा, आज पूरा देश फेसबुक से जुड़ा है, साथ ही फेसबुक ने वाट्सएप को भी खरीद रखा है। वाट्सएप पर पूरा एकाधिकार फेसबुक का है जिससे देश के करोड़ों लोग जुड़े हैं और यह कारोबार वाट्सएप पर प्रारंभ होने के बाद लोग ऑनलाइन की जगह डायरेक्ट वाट्सएप पर आर्डर देकर खरीदारी करेंगे। जिससे रिटेल कारोबार के व्यापारियों दूरगामी नुकसान होगा एवं भविष्य में वो अपने व्यापार के लिए जिओ कंपनी की दया पर निर्भर हो जाएंगे।
रिटेलर्स के ऊपर की चेन खत्म हो जाएगीः जुगल भट्टर
चेंबर ऑफ कॉमर्स के जिला अध्यक्ष जुगल ने कहा कि जिओ कंपनी के रिटेल व्यापार में आने से व्यापारियों का भविष्य अंधकारमय होगा। रिटेलर्स के ऊपर की वर्तमान चेन पूरी तरह से खत्म हो जाएगी, जैसे कि जिओ कंपनी की कार्य करने की शैली है कि अपने व्यापार में उपस्थित सारी प्रतिद्वंद्विता को यह समाप्त कर देती है। ऐसी आशंका है, छोटे रिटेल आउटलेट को तत्कालिक अच्छा लाभ होगा, लेकिन 3- 4- 6 महीना बाद बड़े दुकानदार कारोबार बंद कर देंगे या कारोबार परिवर्तित कर लेंगे।
जिओ कंपनी की योजना राष्ट्र के लिए अनुचितः अभिषेक तिवारी
विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष अभिषेक (मिकी) तिवारी का कहना है कि जिओ कंपनी की यह योजना राष्ट्र हित के लिए बिल्कुल भी उचित नहीं है। किसी भी एक व्यक्ति या कंपनी के पास इतनी शक्तियां आना उचित नहीं है कि वह पूरे देश की अर्थव्यवस्था को अपनी इच्छा से नियंत्रित कर सके। केंद्र सरकार को इस विषय पर स्वयं संज्ञान लेकर उच्च स्तरीय समिति बैठा कर जांच करनी चाहिए और अगर आवश्यकता पड़े तो इस विषय पर कानून बनाना चाहिए।
दबाव में काम करने की मजबूरीः शंकर दुलानी
मोबाइल विक्रेता संघ के अध्यक्ष शंकरलाल दुलानी ने कहा कि जिओ के आने से पहले एवं जिओ के आने के बाद मोबाइल सिम विक्रेताओं की आर्थिक स्थिति में कोई आमूलचूल परिवर्तन नहीं आया है। लेकिन पहले की तुलना में व्यापार में प्रेशर और तनाव बढ़ा ही है। वर्तमान में तीन मोबाइल कंपनियां ही शेष बची हैं, अधिकतर ग्राहक जिओ के हैं और हम पूरी तरह से जिओ कंपनी के दबाव में काम करने के लिए मजबूर हैं। अगर हम इनके अधिकारियों की हां में हां ना मिलाए तो हमारा काम तुरंत खराब हो जाता है। वर्तमान समय में मानसिक शांति कम हो गई है।
दूरगामी दुष्परिणाम आएंगेः अरविंद केसरवानी
ललित किराना स्टोर के संचालक अरविंद केसरवानी ने कहा कि मुकेश भाई अंबानी की यह पुरानी महत्वाकांक्षा है कि पूरे देश के व्यापार पर उनका नियंत्रण स्थापित हो सके। रिलायंस फ्रेश की लांचिंग के समय भी उनकी महत्वाकांक्षा ऐसी ही थी, लेकिन देश के व्यापारियों ने उनके इरादों को सफल होने नहीं दिया और जिसके परिणाम स्वरूप जो परिस्थितियां निर्मित हुई कि मुकेश भाई अंबानी को अपनी अति महत्वाकांक्षी योजना रिलायंस फ्रेश को सीमित करना पड़ा एवं आखिर में उन्होंने रिलायंस फ्रेश के कॉन्सेप्ट को समाप्त कर दिया। वर्तमान कांसेप्ट रिलायंस फ्रेश की सोच से भी बहुत बड़ा है, जिसके दूरगामी दुष्परिणाम होंगे।
रिटेल व्यापार खत्म हो जाएगाः आशुतोष अग्रवाल
अनाज व्यापारी आशुतोष अग्रवाल ने कहा कि जिओ के रिटेल सेक्टर में इस प्लानिंग के साथ आने से वर्तमान का रिटेल व्यापार पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। वर्तमान का स्वतंत्र व्यापारी, जिओ का सिर्फ फ्रैंचाइजी बन के रह जाएगा। यह देश को आर्थिक गुलामी की तरफ ले जाने वाला कदम है। बाजार की नीति निर्धारण करने वालों को इस विषय पर गंभीर चिंतन करना चाहिए।