सिमगा। रविवार को कबीर धर्मनगर संत समागम मेला प्रारंभ हुआ। मेले में गुरु निवास से जैसे ही पंथ श्री हुजूर प्रकाशमुनि नाम साहेब निकले वहां उपस्थित श्रद्घालुओं के 'साहेब बंदगी साहेब' के जयघोष से पूरा पंडाल गूंज उठा। समागम मेले के पहले ही दिन 20 हजार से अधिक श्रद्घालुओं ने पंथ श्री हुजूर प्रकाशमुनि नाम साहेब के दर्शन लाभ लिए।
मेले में उपस्थित श्रद्घालुओं को पंथ श्री प्रकाश मुनि नाम साहेब ने प्रवचन में कहा कि इस बार संत समागम मेला माघ पूर्णिमा के बजाय फागुन माह में आयोजित किया गया। गुरु के दरबार में जो भी आपको भोजन मिलता है वह सिर्फ भोजन नहीं है वरण प्रसाद है। प्रसाद को जितना खा सको उतना ही लेना चाहिए। प्रसाद तो पावन होता है उसे छोड़कर उसका अपमान मत करें। किसी भी चीज की अती अच्छी नहीं होती है। पुराने लोगों को इस बात की जानकारी होती थी कि किस मौसम में क्या भोजन बनाना इसलिए पहले के लोग कम बीमार पड़ते थे। घर की महिलाएं रसोई में ही रखी जड़ी-बूटियों से ही कई बीमारियों का इलाज कर देती थीं। उन्होंने कहा कि सद्गुरु नाम का सुमिरन मन वचन व काय से करना चाहिए वहीं सच्ची भक्ति होती है। भूखे रहकर व्रत करना जरूरी नहीं है। मन में कोई विकार उत्पन्ना न हो ऐसे शुद्घ भाव से ही व्रत करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पहली बार संत समागम मेला होली के पर्व पर आयोजित हो रहा है। जहां इस बार हजारों श्रद्घालु उपस्थित रहेंगे। प्रवचन उपरांत भक्तों ने पंथ श्री हुजूर प्रकाश मुनि नाम साहेब की मंगल आरती की। मेला में सुरक्षा के दृष्टिकोण से पंथ श्री उग्रनाम साहेब प्राथमिक शाला में अस्थायी पुलिस चौकी बनाया गया है जहां अनुविभागीय अधिकारी पुलिस सिद्घार्थ बघेल, यातायात अनुविभागीय अधिकारी कूजूर, थाना प्रभारी सिमगा पुरषोत्तम कुर्रे सहित पुलिस के सैकड़ों जवान तैनात हैं। वहीं एसडी एम टीआर माहेश्वरी, तहसीलदार बलराम तंबोली भी मेला व्यवस्था में जुटे हैं।