भाटापारा। 13 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि पर्व शुरू हो रहा है। खाद्य तेलों की कीमतों में वृद्घि की वजह से ज्योति कलश स्थापना के लिए न्यूनतम शुल्क बढ़ाया गया है। शुल्क में 50 रुपये की वृद्घि की गई। अंचल की प्रमुख शक्तिपीठ श्री मावली मंदिर में ज्योति कलश की स्थापना पर इस बार 50 रुपये ज्यादा लगेंगे। यानी अब 501 रुपये में ज्योति कलश की स्थापना की जा सकेगी।
खाद्य तेलों की लगातार बढ़ती कीमत के बाद शक्तिपीठों में ज्योति कलश की स्थापना पर भी इस वृद्घि का असर पड़ चुका है। रसोईघर के बाद मंदिरों में अब इस असर ने पहुंच बना ली है। प्रबंध समितियों ने मजबूरी में न्यूनतम शुल्क बढ़ाने का फैसला लेते हुए इसकी जानकारी भक्तों तक पहुंचा दी है। अब तेल की खरीदी के आर्डर दिए जाने की तैयारी चालू किए जाने के संकेत मिल रहे हैं।
इसलिए बढ़ाईः शक्तिपीठ और माता के दरबार में जलने वाले ज्योति कलश में खाद्य तेल की कीमतों में आ रही तेजी के बाद चैत्र नवरात्रि की तैयारी कर रहे मंदिरों को तेल की खरीदी पर प्रति ज्योति 150 से 200 रुपये ज्यादा लग रहे हैं क्योंकि उत्पादक क्षेत्र में तेलों की कीमतें बढ़ चुकी हैं। इसका असर ज्योति कलश पर पड़ना स्वभाविक था, विकल्प था नहीं, इसलिए न्यूनतम शुल्क बढ़ाया जा चुका है।
मावली माता मंदिर में 501 रुपयेः श्री मावली माता मंदिर सिंगारपुर में इस बार चैत्र नवरात्रि पर ज्योति कलश स्थापना की न्यूनतम शुल्क 501 रुपये होगा। बीते बरस यह 451 रुपये था। मंदिर प्रबंधन ने यह शुल्क बेहद मजबूरी में बढ़ाया है क्योंकि इसके अलावा दूसरा कोई रास्ता सामने था नहीं। समिति ने इसकी सूचना पोस्टर, पाम्पलेट और ह्वाट्सएप मैसेज के जरिए भक्तों तक पहुंचाना चालू कर दिया है।
कहां कितना
श्री महामाया मंदिर रतनपुर में 701 रुपये में ज्योति कलश की स्थापना की जा सकेगी। यहां 200 रुपये की वृद्घि की गई है। श्री बमलेश्वरी मंदिर डोंगरगढ़ में 1100 रुपये, श्री खल्लारी माता मंदिर महासमुंद में 501 रुपये, श्री चंद्रहासिनी मंदिर चंद्रपुर में 701 रुपये, श्री सर्वमंगला मंदिर कोरबा में 701 रुपये, श्री महामाया मंदिर रायपुर में 701 रुपये और श्री विंध्यवासिनी मंदिर धमतरी में 1501 रुपये में ज्योति कलश की स्थापना की जा सकेगी।
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13 अप्रैल से शुरू हो रहे चैत्र नवरात्रि पर्व के लिए ज्योति कलश की स्थापना शुल्क में 50 रुपये की वृद्घि की गई। खाद्य तेलों की कीमतों में वृद्घि की वजह से न्यूनतम शुल्क बढ़ाया गया है।
-संजय अग्रवाल, अध्यक्ष, श्री मावली मंदिर प्रबंध समिति, सिंगारपुर