बालोद। पूरा देश भारत में 100 करोड़ लोगों के वैक्सीनेशन का जश्न मना रहा है। यह एक बड़ी उपलब्धि है तो साथ ही इसमें कई वर्गों की भागीदारी भी छिपी हुई है। यहां शासन प्रशासन और स्वास्थ्य कर्मी इसमें अहम कड़ी थे तो वहीं समाज सेवी संगठन भी इसमें पीछे नहीं रहे।
इस क्रम में बालोद जिले सहित पूरे छत्तीसगढ़ में संचालित भावना फाउंडेशन ने भी अपने प्रयासों से लोगों को टीकाकरण के लिए काफी प्रोत्साहित किया और इसी का परिणाम है कि बालोद ही नहीं बल्कि कई जिलों में जो लोग टीका लगवाने से घबराते थे, जिनके मन में कई तरह की भ्रांतियां थी वह लोग भी टीका लगवाने के लिए अग्रसर हुए और आज उनका रिकार्ड इस 100 करोड़ के वैक्सीनेशन में भी शामिल है। एक दौर था जब वैक्सीनेशन शुरू हुआ था लोग टीका लगवाने से घबराते थे, लोगों को डर था कि इससे वे और बीमार हो जाएंगे। कई तरह की भ्रांतियां इस टीकाकरण को लेकर फैली हुई थी। लेकिन ऐसे दौर में भी भावना फाउंडेशन ने हिम्मत नहीं हारी और लोगों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक करने का बीड़ा उठाया और इसी का परिणाम है कि कई लोग टीका लगाने के लिए सामने आए।
भावना फाउंडेशन द्वारा पूरे छत्तीसगढ़ में खासतौर से टीका तिहार मनाबो, कोरोना ला भगाबो थीम पर अभियान चलाया और वैक्सीनेशन सेंटर सहित गांव में जाकर खासतौर से बड़े बुजुर्गों को इसके लिए जागरूक किया गया। जिनमें भ्रांतियों का सिलसिला बढ़ रहा था। साथ ही फोन करके भी लोगों को जागरूक करने का अभियान चलाया गया। टेलिफोनिक सिस्टम से भावना फाउंडेशन से जुड़े हुए 60 स्वयंसेवक ने घर बैठे रोजाना अधिकतम 100 लोगों को फोन किया और इस अभियान के दौरान पूरे छत्तीसगढ़ में जो लोग जो टीका नहीं लगाना चाहते थे उनके नंबर तलाश कर लगभग 10 से 15000 लोगों को फोन करके उन्हें मनाया गया। इस तरह से फोन कालिंग के जरिए लोगों को जागरूक करने उन्हें टीकाकरण के प्रोत्साहित करने का अनूठा अभियान भी भावना फाउंडेशन ने चलाया ।
विभाग से लगातार भावना फाउंडेशन संपर्क में रहा। वो ऐसे लोगों की जानकारी हासिल करता रहा जो टीका लगाने में रुचि नहीं दिखा रहे थे। ऐसे लोगों की तलाश और उनके नंबर की व्यवस्था करके फाउंडेशन के स्वयंसेवी उन्हें फोन करके मनाते थे। फिर उन्हें नजदीकी सेंटर में जाने के लिए प्रोत्साहित करते थे और ऐसे तैसे टीकाकरण का ग्राफ धीरे-धीरे बढ़ता रहा। जो लोग टीकाकरण से परहेज करें तो वह भी टीका लगाने के लिए आगे आए।
इन लोगों की रही अहम भूमिका
बालोद, राजनांदगांव, बस्तर, दंतेवाड़ा गीदम,कोंडागांव, गरियाबंद, नया रायपुर में यह अभियान प्रमुखता से चला, इसमें मुख्य रूप से प्रभारी के रूप में भावना फाउंडेशन अध्यक्ष दीपक थवानी डौंडी लोहारा, कादम्बिनी लोकेश पारकर यादव, हुमेश कुमार साहू निपानी बालोद, गायत्री साहू बालोद, गुनिता साहू सकरी अभनपुर, वीणा कौशल दुर्ग, प्रिया गुप्ता सीतापुर-सरगुजा, चंद्रकुमारी शाह डौंडीलोहारा, फनेंद्र जैन राजनांदगांव, अनिता सिंह दल्लीराजहरा, मनीषा सोनी गीदम दंतेवाड़ा, शिव कुमार गुप्ता गीदम दंतेवाड़ा, विनोदनी यादव बालोद, उमाशंकर सेन नागपुर, चिराग लोहारा, कमलकांत साहू चिह्लटीकला, बालोद, स्वाति पटेल, इंदु साहू, नीलम साहू, पूनम अग्रवाल, चंद्रशेखर तिवारी, व स्कूली बच्चे किशन ठाकुर, कीर्तिकांत देशमुख, नैना साहू, रेणुका देशमुख, डाली साहू, मंजू ठाकुर, चमन लाल, भूपेंद्र देशमुख, यानेंद्र, डोमेंद्र, पंकज, मोहन, अर्जुन, वैभव, अंजली साहू, देवंतीन, गोविंद सिंह, भावना ठाकुर, नीरज कुमार, डिंपल साहू,खेमलता पटेल, शिव कुमार सहारे, अक्षय कुमार, सुरभि सोनी, मानसी, भूपेंद्र, दीपेश, पूनम सिंह, खुशबू शर्मा, हेमा साहू, देवेश छत्रपाल, मोनिका सेन, लक्ष्मी सिन्हा, नीलिमा सिन्हा, सागर सेन, करूणा साहू, भास्कर, प्रियुष, अम्बिका सिन्हा, निकेश साहू, गुलशन साहू, गूंजा साहू, प्रीति, ठलेंद्र कुमार, कुमारी यामिनी साहू, लक्ष्मीनारायण,डिलेश्वरी शामिल हैं।