नईदुनिया न्यूज, बालोद: जिले में अब अगर धान उत्पादक किसान अपनी धान की फसल की जगह दलहन-तिलहन या मक्का की फसल लगाएंगे, तो उन्हें प्रति एकड़ 11 हजार रुपए आदान सहायता के रूप में सरकार अदा करेगी। किसानों को यह सहायता मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में हई कैबिनेट के फैसले के क्रियान्वयन के रूप में मिलने वाली है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में 30 जून को हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में मंत्रिपरिषद ने किसानों के हित में एक बड़ा फैसला लिया। कृषक उन्नति योजना के प्रचलित निर्देशों को संशोधित करते हुए इसके दायरे को और विस्तृत करने की फैसला हुआ था। अब इस योजना का लाभ खरीफ 2025 में धान उत्पादक किसानों के साथ-साथ पंजीकृत धान फसल के स्थान पर अब दलहन, तिलहन, मक्का आदि की फसल लगाने वाले किसानों को भी मिलेगा।
खरीफ 2024 में पंजीकृत कृषक जिन्होंने धान की फसल लगाई थी और समर्थन मूल्य पर धान बेचा था, उनके द्वारा खरीफ 2025 में धान फसल के स्थान पर दलहन, तिलहन, मक्का आदि फसल की खेती की जाती है, तो उन्हें भी अब कृषक उन्नति योजना के तहत आदान सहायता राशि प्रदान की जाएगी।
इस योजना को इस तरह समझा जा सकता है। जैसे कि किसी किसान ने पिछले साल अपनी खेतों में धान की फसल लगाई। उपज बेचने के लिए उसने अपना पंजीयन एकीकृत किसान पोर्टल में करवाया। उसी आधार पर उसने अपनी धान की फसल भी बेची है। अब यही किसान धान की जगह दलहन, तिलहन या मक्का की फसल लगाता है तो उसे इस फसल पर प्रति एकड़ 11 हजार रुपए दिए जाएंगे।
बालोद जिले के किसान जो पहले से दलहन, तिलहन, मक्का, कोदो, कुटकी, रागी (मिलेट) कपास वगैरह यानि धान के बदले अन्य फसल ले रहे हैं, सरकार उन्हें प्रति एकड़ 10 हजार रुपए आदान सहायता के रूप में अदा करेगी। दरअसल सरकार का यह कदम राज्य में धान के अलावा अन्य फसलों के लिए प्रोत्साहित करने के लिए उठाया जा रहा है।
'सरकार चाह रही है कि किसानों का धान के अलावा अन्य फसलों में भी रुझान हो, इसीलिए अन्य फसलों में 11 हजार प्रोत्साहन राशि दी जाएगी, सरकार धान के अलावा अन्य फसल लेने पर 11 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि देने वाली है। जैसे धान के फसल में 19 हजार बोनस सरकार दे रही है, वैसे ही अन्य फसलो में 11 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा मंत्रिमंडल में हुई है।' चंद्रहास चंद्राकर, अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ बीज एवं कृषि विकास निगम।