बालोद (नईदुनिया न्यूज)। दुर्ग विधायक और भंडारगृह निगम के अध्यक्ष अरुण वोरा के कैबिनेट मंत्री दर्जा मिलने के बाद प्रथम नगर आगमन पर कांग्रेसियों ने स्वागत किया। सोमवार स्थानीय पीडब्ल्यूडी विश्रामगृह में बड़ी संख्या में पहुंचकर उनका स्वागत किया। इस दौरान फूलमाला पहनाते हुए मिठाई का वितरण किया गया।
इस अवसर पर जिला कांग्रेस कमेटी के पूर्व जिलाध्यक्ष कृष्णा दुबे, पुष्पेंद्र तिवारी, प्रमोद दुबे, विनोद बंटी शर्मा, अनिल यादव, दाऊद खान, दानेश्वर साहू, नन्नू साहू सहित अनेक कार्यकर्ता उपस्थित रहे। गौरतलब है कि विगत दिनों छत्तीसगढ़ राज्य के विभिन्न निगम मंडल अभिकरण बोर्ड प्राधिकरण में मनोनीत अध्यक्षों को कैबिनेट और राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया है। शासन द्वारा जारी आदेश के मुताबिक दुर्ग शहर विधायक व छत्तीसगढ़ भंडार गृह निगम के अध्यक्ष अरुण वोरा को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया। इनके अलावा 12 अन्य को भी कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है। कांग्रेसजनों ने अरुण वोरा को केबिनेट दर्जा मिलने पर बधाई प्रेषित की है। सर्कटि हाउस में बधाई देने वालों का तांता लग रहा।
गोदाम का किया निरीक्षण
छत्तीसगढ़ राज्य भंडारगृह निगम के अध्यक्ष अरुण वोरा ने जगतरा में स्थित निगम के गोदाम का दौरा करते हुए निरीक्षण किया। यहां पर भंडारण व अनाज के रखरखाव की व्यवस्था देखी। इसके अलावा प्रत्येक जगह पर आ रही समस्याओं की भी जानकारी ली। उन्होंने साफ-सफाई एवं अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
सबको राशन देने निगम की जिम्मेदारी महत्वपूर्ण
प्रदेश में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार ने किसानों एवं निम्न आय वर्ग के हितों के लिए अनेक बड़े फैसले लिए हैं। सबको राशन देने की शासन की योजना को क्रियान्वयन करने निगम की जिम्मेदारी महत्वपूर्ण है। वोरा ने कहा कि जनहित के काम मे कहीं लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी साथ ही उन्होंने लगातार औचक निरीक्षण कर विभाग के कामकाज की समीक्षा के संकेत दिए है।
खाद्य सामग्री और अनाज की गुणवत्ता जांचने स्थापित होगा लैब
प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पहले कहा कि धान का एक-एक दाना कीमती है। इसका संरक्षण अच्छे तरीके से किया जाए। हमने उन्हें इस बात की जानकारी दी कि खाद्य सामग्री, अनाज के गुणवत्ता की जांच के लिए महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश जाना पड़ता है तो उन्होंने कहा कि गुणवत्ता की जांच छत्तीसगढ़ में होनी चाहिए तो हमने इसकी प्रक्रिया प्रारंभ की। लगभग 14 करोड़ रुपए की लागत लगेगी। नवा रायपुर में जमीन भी मिल गई है। जल्द ही भूमिपूजन किया जाएगा। रायपुर में स्थापित किया जाने वाला यह लैब मध्य भारत का पहला और पूरे देश का तीसरा टेस्टिंग लैब होगा।