डौंडीलोहारा। गुरु पूर्णिमा का त्यौहार प्रतिवर्ष आषाढ़ माह में पूर्णिमा पर मनाया जाता है। यह हिन्दू धर्म के लिये महत्वपूर्ण पर्व है जो भारत के पौराणिक इतिहास के महान संत ऋषि व्यास की याद में मनाया जाता है। इस दिन हिन्दू धर्मग्रन्थ महाभारत के रचयिता गुरु वेदव्यास का जन्म भी हुआ था। उन्होंने मानव जाति को चारों वेदों का ज्ञान दिया था और सभी पुराणों की रचना की थी। स्थानीय शिशु मंदिर प्रांगण में गुरु पूर्णिमा पर ध्वज प्रणाम तथा समर्पण कार्यक्रम संपन्ना किया गया।
इस अवसर पर अतिथियों ने कहा कि गुरु की महिमा का वर्णन करना तो सूर्य को दीपक दिखाने के समान है। गुरु का ज्ञान और शिक्षा ही जीवन का आधार है। गुरु के बिना जीवन की कल्पना भी अधूरी है। सनातन अवधारणा के अनुसार इस संसार में मनुष्य को जन्म भले ही माता-पिता देते हैं लेकिन मनुष्य का सही अर्थ गुरु कृपा से ही प्राप्त होता है। गुरु जगत व्यवहार के साथ साथ भव तारक, पथ प्रदर्शक भी होते हैं। जिस प्रकार माता-पिता शरीर का सृजन करते हैं उसी तरह से गुरु अपने शिष्य का सृजन करते हैं। इस अवसर पर संघ परिवार के प्रमुख राघवेन्द्र मिश्रा, प्रधान पाठक शिशु मंदिर महेश सपहा, दीप चंद भन्साली, सह प्रमुख महेन्द्र जायसवाल,सिया राम सार्वा, येनु दिल्लीवार , कामता प्रसाद साहू , देवेन्द्र जायसवाल , देव लाल ठाकुर ,होरी लाल रावटे ,जयेश ठाकुर , रूपेश सिन्हा , संदीप लोढा , राजेश उपाध्याय ,अनिल कुमार मिश्रा ,देवेन्द्र माहला, तथा सुरेंद्र राजपूत ,उप सरपंच डोमेन्द्र साहू तथा धर्मेंद्र निषाद प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
आचार्यों को किया गया गणवेश वितरण
शिशु मंदिर में आयोजित गुरुपूर्णिमा के अवसर पर संस्थान द्वारा आचार्यो को गणवेश वितरण का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में अतिथि के रूप में प्रथम जिला पंचायत अध्यक्ष देव लाल ठाकुर, वरिष्ठ संघी दीपचंद भन्साली तथा जिला मंत्री भाजपा जयेश ठाकुर मंचस्थ रहे। कार्यक्रम में शिशु मंदिर संस्था के प्रतिभा सुकतेल, मंजू श्रीवास ,दुर्गा यादव ,पीलू राम साहू , अशोक सिन्हा, सेवंत देवांगन ,प्रताप सिंह ,संजय देहारी , शीतल कोसमा तथा गजेन्द्र चक्रधारी ,रमेश सिन्हा, उमदेव लाल तथा केशव यादव शामिल हुए।