दल्लीराजहरा। छत्तीसगढ़ प्रदेश की महिला बाल विकास एवं समाज कल्याण मंत्री अनिला भेंड़िया के र्निदेशानुसार डौंडी विकासखण्ड के पुलिस मैदान में वरिष्ठ नागरिकों एवं दिव्यांगजनों के लिए मेगा शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में डौंडीलोहारा जनपद से 135 व डौंडी जनपद से 82 वृद्घजनों को सहायक उपकरण प्रदान किया गया। इसके अंतर्गत वरिष्ठ नागरिकों को कृत्रिम दांत, चश्मा, ह्वील चेयर, छड़ी, वाकर, श्रवण यंत्र, घुटने, कमर व स्पाइनल बेल्ट इत्यादि का वितरण किया गया। वहीं दिव्यांगजन प्रमाणीकरण शिविर में 85 दिव्यांग उपस्थित हुए जिनका दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाया गया।
इस कार्यक्रम मे मुख्य अतिथि के रुप मे मंत्री प्रतिनिधि पीयूष सोनी एवं विशेष अतिथि के रुप में जनपद पंचायत के उपाध्यक्ष पुनीतराम सेन सहित जनपद सदस्य व सरपंच उपस्थित थे। पीयूष सोनी ने कहा कि प्रदेश की केबिनेट मंत्री व क्षेत्र की विधायक अनिला भेंडिया के प्रयासों से यह शिविर आयोजित किया गया है। ताकि इस क्षेत्र के वयोश्री एवं दिव्यांग जनों को लाभ अर्जित हो सके। वहीं इस शिविर में चिकित्सकों के माध्यम से निश्शुल्क जांच व तमाम उपकरण, समाग्रीयां भी प्रदान किया जायेगा।
वहीं उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारियों व चिकित्सकों से आग्रह किया गया कि वे इस शिविर मे पहुंचे सभी वयोश्री व दिव्यांगों की तकलीफ व उनकी समस्या का निराकरण करें। इस अवसर समाज कल्याण विभाग के उपसंचालक नदीम काी व उनकी टीम उपस्थित रहीं।
जिपं सदस्य की पहल पर दिव्यांग शिविर का आयोजन, बनाए गए प्रमाण-पत्र
बुधवार को ब्लाक मुख्यालय गुंडरदेही के हायर सेकेंडरी स्कूल मैदान में बालोद जिला पंचायत सदस्य पुष्पेंद्र चंद्राकर की पहल पर विशेष दिव्यांग शिविर का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य रूप में जिला पंचायत सदस्य पुष्पेंद्र चंद्राकर उपस्थित रहे। इस शिविर के माध्यम से उन दिव्यांगजनों की जिनका दिव्यांगता प्रमाण पत्र नहीं बना था या जिनके दिव्यांगता प्रमाण पत्र की वैधता समाप्त हो गई थी उनका प्रमाण पत्र बनाया गया। प्रमाण पत्र के अभाव के कारण वे सरकारी सुविधा व पेंशन आदि से वंचित थे उन्हें इस शिविर से विशेष लाभ मिलेगा। इसके पूर्व जिला पंचायत की सामान्य सभा में जिला पंचायत सदस्य पुष्पेंद्र चंद्राकर ने दिव्यांगजनो के लिए शिविर आयोजित करने की मांग की थी जिस पर संज्ञान लेते हुए जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने समाज कल्याण विभाग जिला बालोद के उपसंचालक को पत्र अग्रेषित किया था।
इसी तारतम्य में गुंडरदेही के हायर सेकेंडरी स्कूल में यह शिविर आयोजित की गई थी जिसमें शहरी क्षेत्र तथा ग्रामीण क्षेत्र के दिव्यांगजन इस शिविर में आकर लाभ उठाये। शिविर में लगभग 500 लाभार्थी शिविर में पहुंचे। पुष्पेंद्र चंद्राकर ने शिविर के संदर्भ में कहा कि दिव्यांगता अभिशाप नहीं बल्कि एक अवसर है। अपने कार्यों से जनसामान्य के बीच अपनी श्रेष्ठता सिद्घ करने की। हमारे समक्ष ऐसे अनेक उदाहरण हैं जिसमें दिव्यांगजनों ने सामान्य व्यक्तियों की तुलना में अपने कार्यों से अपनी उपयोगिता को सार्थक बनाया है।