नईदुनिया न्यूज़, बालोद। जिला जेल इन दिनों माता के भजन-कीर्तन से गूंज रहा है। बैरक में जय माता दी के जयकारे लग रहे हैं। नवरात्रि को लेकर जिला जेल प्रबंधन ने यह व्यवस्था की है। दरअसल शारदीय नवरात्रि के शुरू होने से पहले जेल प्रबंधन ने उपवास और पूजा-अर्चना को लेकर बात की, जिसमें 35 से 40 बंदियों ने प्रथम, पंचम और अष्टम को पूजापाठ कर उपवास रखने तथा 6 बंदी ने पूरे 9 दिन नियमित रूप से पूजापाठ कर 9 दिन नियमित की मंशा जाहिर की। इसके बाद शारदीय नवरात्र शुरू होते ही बंदियों ने अपना उपवास रखना शुरू किया।
प्रबंधन ने उनके लिए एक टाइम फलाहार की व्यवस्था की है। ऐसे में जिला जेल में अलग-अलग मामलों में अपनी सजा काट रहे 6 बंदी नियमित यानी कि नवरात्र के इस 9 दिन तक उपवास रख रहे हैं, वहीं नवरात्र के पहले दिन 36 और पंचमी पर 40 बंदियों ने उपवास रखा है। अष्टम में भी करीबन 40 बंदी माता की आराधना करते हुए उपवास रखेंगे। जेल प्रबंधन के द्वारा उपवास धारी बंदियों के लिए फलाहारी जैसे दूध, फल, गुड़, मूंगफल्ली, साबूदाना, उबला आलू के इंतजाम किए गए है। इसके साथ ही हर शाम बंदी भजन कीर्तन गा रहे है।
इतना ही नही जेल प्रबंधन के द्वारा नवरात्र में नशा मुक्ति अभियान के तहत नशा न करने बंदियों को जागरूक भी किया जा रहा है। ऐसे में बंदी पूरे विधिविधान के साथ पूजा-अर्चना कर अपने गुनाहों की माफी मांग रहे हैं और बैरक में मां दुर्गा के जयकारे गूंज रहे हैं।
जेलर कुर्रेजेलर शत्रुघन प्रसाद कुर्रे ने नईदुनिया को बताया कि शारदीय नवरात्र में एकम, पंचम और अष्टम में उपवास बंदियों के द्वारा रखा गया है। एकम में 36 बंदियों ने उपवास रखा था और पंचमी में 40 बंदियों का उपवास हैं। 6 बंदी रेगुलर 9 दिन तक उपवास रह रहे है। 9 बंदियों को पीले पूजा के लिए पीले वस्त्र भी दिए गए है। उपवास रख रहे बंदियों के लिए जेल प्रबंधन द्वारा नियम के अनुसार फलाहार की व्यवस्था की जा रही है।
उपवास रखे बंदियों के द्वारा विधिविधान के साथ पूजा अर्चना कर हर शाम माता के भजन गाए जा रहे है। उन्होंने बताया कि हर बैरक में भजन मंडली है, तो ऐसे में हर दिन प्रत्येक बैरक में भजन कीर्तन चल रहा है। हारमोनियम, ढ़ोलक, बाजा, मंजरी की भी व्यवस्था की गई हैं।जिसके चलते जेल में भक्तिमय माहौल बना हुआ है। भजन कीर्तन के दौरान नाश मुक्ति पर भी कार्यक्रम किये जा रहे है।