कुसुमकसा(नईदुनिया न्यूज)। एक कहावत है कि मेहनत करो तुम फल की इच्छा मत करो, इस कहावत को सही साबित करने के लिए डौंडी ब्लाक के गुजरा गांव में रहने वाली बेटी ने मन में ठाना और अपनी पढ़ाई पूर्ण करने के बाद उसने अपने गांव में बिना शुल्क के पहली से आठवीं तक के सैकड़ों बच्चों को पढ़ने की शुरूवात की। इस दौरान उन्होंने काफी कठिनाइयों का सामना भी किया, फिर भी नीलिमा श्याम ने हार नहीं मानी और कोरोना काल में भी बच्चों को पढ़ाया, जो आज बच्चे पढ़ाई से आगे बढ़े और लिखना पढ़ना सीख लिए।
गांव की बेटी का शिक्षा के प्रति लगन, जुनून, निःस्वार्थ सेवा भाव से नौनिहालों को अपने घर मे शिक्षा देने की जानकारी मंत्री प्रतिनिधि पीयूष सोनी को मिली तो उन्होंने नीलिमा को मदद दिलाने मंत्री से अपील की। इसके बाद शिक्षक दिवस के मौके पर निस्वार्थ पढ़ाने वाली बेटी को उसके घर पर मंत्री ने कार्यकर्ताओं के माध्यम से ससम्मान उपहार भेंट किया। उपहार में पढ़ाई के लिए नवोदय की किताबें और बच्चों के लिए खेल की सामग्रियां भिजवाई गई।
मंत्री द्वारा भेजे गए उपहार मिलने से नीलिमा श्याम का चेहरा खुशियों से खिल उठा व मंत्री,मंत्री प्रतिनिधि सहित उपहार देने आए अनिल सुथार पूर्व जनपद सदस्य व संयुक्त महामंत्री जिला कांग्रेस बालोद, नितिन जैन सचिव ब्लाक कांग्रेस डौंडी, हरिशचंद्र भंडारी सरपंच ग्राम पंचायत गुजरा, प्यारसिंह उइके, गोविंद नेताम, लक्षमी कांत, मोनू राजपूत का आभार व्यक्त किया।
दीवारों पर पर लिखकर दी कई जानकारियां
गौरतलब है कि डौंडी ब्लाक के गुजरा गांव की नीलिमा श्याम जो लगातार चार साल से गांव के सैकड़ों बच्चों को अपने घर में ही शिक्षित कर रही है ,कोरोना काल मे जब शैक्षणिक संस्थान बंद था तो नीलिमा ने बच्चों सहित गांव के अन्य लोगों को शिक्षित करने का अनूठा तरीका अपनाया है। वह अब खुद के पैसे गांव के दीवारों पर अंक गणित, हिंदी व अंग्रेजी भाषा के तमाम जानकारियों को लिख रही है। नीलिमा का मानना है कि गांव की गलियों में बच्चे जब खेलते रहते हैं तो उनकी नजर दीवारों पर पड़ेगी और उसे पढ़ेंगे, जिससे बच्चों को खेल के साथ शिक्षा भी मिलेगी। बच्चे बारहवीं की पढ़ाई के बाद असमंज में रहते हैं कि उन्हें क्या करना होगा इसके मार्गदर्शन के लिए नीलिमा ने विषयवार जानकारियां लिख दी है। जिसे गांव के बच्चों द्वारा आते जाते पढा और समझा जा रहा है, जिससे कोरोना काल मे भी गांव के बच्चों को पढ़ाई करने में किसी प्रकार की कोई तकलीफ नही हुई और गांव के बच्चे खेल खेल में बढ़िया पढ़ाई कर रहे हैं।
पालिटेक्निक की पढ़ाई
नीलिमा ने बताया कि गांव में बच्चों और पालकों का अच्छा सहयोग मिल रहा है, आगे भी इससे बढ़िया करूंगी। निस्वार्थ भाव से नौनिहालों में शिक्षा का ज्योत जगाने के लिए गुजरा गांव में नीलिमा जो कार्य कर रही है, उसके सहयोग के लिए पीयूष सोनी हर तरह से मदद करने के साथ ही तमाम सुविधाएं मुहैया कराने की बात कही। नीलिमा श्याम ने बताया कि वे पालिटेक्निक में सिविल में डिप्लोमा करने के साथ ही अर्थशास्त्र में ग्रेजुएशन व वर्तमान में एमए अर्थशास्त्र की अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रही है। साथ ही हिंदी टाइपिंग का कोर्स भी कर रही है।