डौंडी(नईदुनिया न्यूज)। डौंडी विकासखंड क्षेत्र में धूमधाम से मनाने वाली पोला त्योहार को अब एक दिन बचा है। डौंडी शहर सहित आसपास के ग्रामीण इलाके मे पोला बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है, इसलिए डौंडी सप्ताहिक बाजार मे मिट्टी से बने बैल अलग अलग रंगों के साथ डिजाइन मे एवं मिट्टी से बने पोला और खिलौने जैसे, चूह्ला, मटका, कढाइ, गंजी, अन्य प्रकार से बने मिट्टी के बर्तन पोला त्योहार के लिए बिकने के लिए दुकानें लगी। डौंडी के राम नरेश पाड़े व लोकेश पाड़े ने बताया कि पोला 30 से 40 व बैल 30 से 40 से 50 रुपये व पोला के साथ अन्य खिलौने 5 से 10 रुपये में बिक रहे हैं।
छत्तीसगढ़ अपनी संस्कृति और त्योहारों के लिए दुनियाभर में मशहूर है। यहां के प्रमुख त्योहारों में से एक त्योहार है पोला, जिसे हर साल भादो की अमावस्या को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इसमें अन्नदाता के साथी यानी बैल को सजाकर विशेष पूजा की जाती है। छत्तीसगढ़ कृषि प्रधान राज्य है इसलिए यहां कृषि कार्य में बैल का विशेष योगदान होता है, जहां बोआई से लेकर बियासी तक किसान बैल का उपयोग करते हैं। पोला मिट्टी केबैल की पूजा करने के बाद बच्चे मिट्टी के बर्तनों और मिट्टी के बैलों के साथ खेलते हैं। पोरा तिहार मूल रूप से खेती-किसानी से जुड़ा पर्व है। खेती किसानी में बैल और गोवंशीय पशुओं के महत्व को देखते हुए इस दिन उनके प्रति आभार प्रकट करने की परम्परा है। छत्तीसगढ़ के गांवों में बैलों को विशेष रूप से सजाया जाता है। उनकी पूजा-अर्चना की जाती है। घरों में बच्चे मिट्टी से बने नंदीबैल और बर्तनों के खिलौनों से खेलते हैं। घरों में ठेठरी, खुरमी, गुड़-चीला, गुलगुल भजिया जैसे पकवान तैयार किए जाते हैं और उत्सव मनाया जाता है। बैलों की दौड़ भी इस अवसर पर आयोजित की जाती है। पोरा के साथ साथ डौंडी क्षेत्र में तीजा (हरतालिका तीज) की विशिष्ट परम्परा है, महिलाएं तीजा मनाने ससुराल से मायके आती हैं। तीजा मनाने के लिए बेटियों को पिता या भाई ससुराल से लिवाकर लाते है।
छत्तीसगढ़ में तीजा पर्व की इतना अधिक महत्व है कि बुजुर्ग महिलाएं भी इस खास मौके पर मायके आने के लिए उत्सुक रहती हैं। महिलाएं पति की दीर्घायु के लिए तीजा पर्व के एक दिन पहले करू भात ग्रहण कर निर्जला व्रत रखती हैं। तीजा के दिन बालू से शिव लिंग बनाया जाता है, फूलों का फुलेरा बनाकर साज-सज्जाा की जाती है और महिलाएं भजन-कीर्तन कर पूरी रात जागकर शिव-पार्वती की पूजा-अर्चना करती हैं। डौंडी निवासी निर्मल सोनी ने बताया कि पोला का त्यौहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ डौंडी ब्लाक क्षेत्र में मनाया जाता है विभिन्न प्रकार के रंग-बिरंगे मिट्टी के खिलौने और बैल डौंडी के बाजारों में सज गए हैं।