नईदुनिया न्यूज, गुरुर: इन दिनों इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर वृंदावन का एक वीडियो प्रसारित हो रहा है। इसमें कथावाचक आचार्य अनिरुद्धाचार्य जी महाराज के कथा प्रवचन के दौरान बालोद जिले के गुंडरदेही के ग्राम दनिया (सिकोसा) की 75 वर्षीय बुजुर्ग महिला मीना बाई देशमुख अपनी व्यथा बताते हुए कह रही हैं कि मुझे मेरा बेटा घर में नहीं रखता। मेरे साथ काफी अत्याचार हुआ है, जबकि मेरा बेटा सरकारी स्कूल में प्राचार्य है।
इस पर प्राचार्य खुमान सिंह देशमुख ने बताया कि माताजी साल 2021 से स्थायी रूप से वृंदावन में रह रही हैं। तीसरी बार उनका वीडियो प्रसारित हो रहा है। साल 2021 में पहली बार वीडियो प्रसारित हुआ था। इस वीडियो को लोगों द्वारा जमकर शेयर किया जा रहा है और उनके बेटे को लेकर तरह-तरह की बातें हो रही हैं।
धीरे-धीरे वायरल प्रसारित होने के साथ यह भी पता चला गया कि महिला किस गांव से संबंधित है। मामले की जानकारी मिलने पर जब हम भी संबंधित महिला के बेटे के गांव पहुंचे तो मामला कुछ और ही सामने आया। महिला के बेटे खुमान सिंह देशमुख ने कहा कि 1974 में जब मैं चौथी पढ़ रहा था तब मेरी मां मुझसे मिलने आईथी। उसके पहले वह हमारे साथ रहती नहीं थी।
उस समय पहली बार मैंने खुद मां को देखा तो मैं खुद नहीं पहचान पा रहा था कि वह मेरी मां है। पिता के साथ वह बहुत कम ही रही हैं। वह अकसर अपने मायके में चली जाती थी और वहीं अकेले रहा करती थी। बीच-बीच में आती थी। जब मेरे पिता का निधन हुआ तब भी वह उनके साथ नहीं थीं। परिवार में किसी का भी निधन होता था तो वह अकसर बाहर ही रहती थी। उन्हें हमें ढूंढ कर लाना पड़ता था, तब जाकर शोक कार्यक्रम संपन्न होते थे।
उन्होंने कहा कि वीडियो में जिस तरह से उनकी माता द्वारा उन पर आरोप लगाए जा रहे हैं वह पूरी तरह से गलत है। मैंने उनके साथ किसी भी तरह से ज्यादती या अत्याचार नहीं किया है। वह 2021 जनवरी से ही वृंदावन गई है। इसके पहले भी उनका तीन बार वीडियो सामने आ चुका है। पहली बार जब 2021 में उनके वृंदावन में होने की जानकारी मिली तो हमने वृंदावन वालों से बातचीत की और उनकी माता को वापस लाने का प्रयास किया गया।
लेकिन वृंदावन वालों की ओर से संतुष्टि जनक जवाब नहीं आया। हम तो उन्हें सहर्ष अपने घर पर रखना चाहते हैं लेकिन ऐसा लगता है उनकी माता आना नहीं चाह रही। रही बात उनकी परवरिश को लेकर तो जब पिताजी का निधन हुआ तो 13 मई 2015 को उनकी माता द्वारा कहा गया कि वह अकेले रहना चाहती है और मुझे परवरिश के तौर पर पैसे की मांग की गई।
सामाजिक स्तर पर ग्रामीणों के बीच बैठक में तय करते हुए हमने माता की इच्छा के अनुसार एक इकरारनामा और बंटवारानामा बनवाया, जिसमें वह प्रतिमाह ₹1500 लेने को लेकर राजी हुई। उनके द्वारा स्वीकार किया गया था कि यह राशि लेने के बाद उनके द्वारा बेटे के संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं जताया जाएगा। इसके बावजूद बार-बार बाहर चले जाने वाली माता के बीच-बीच में आने पर उनका ख्याल रखा जाता था। कभी भी वह अचानक घर से गायब हो जाती थी। उन्होंने कहा कि उनकी माता घुमंतू प्रवृत्ति की है, कब कहां चली जाए कोई ठिकाना नहीं। उन्हें हम कई बार समझा चुके थे कि घर पर आराम से रहिए हम आपका पूरा देखभाल करेंगे। लेकिन वह घर पर ही नहीं रहती थी और अकसर गायब हो जाती थी।
सोशल मीडिया में जो वीडियो वायरल हो रहा है उसमें पूरी सच्चाई नहीं है। अकसर वह परिवार के कई लोगों से लड़ाई करती रहती थी और सबको प्रताड़ित करती थी। करीब 15 साल पहले ही वह हमारे साथ ही रही। इसके बाद वह बार-बार आते-जाते रहती थी। पिताजी की जब तबीयत खराब हुई तो उस समय भी वह सेवा न कर उन्हें छोड़कर चली गई।
उनका निधन हुआ तो मैं उन्हें अपने साथ रखने के लिए गांव लाया था लेकिन बार-बार वह हमें प्रताड़ित करती रहीं और समाज वालों से अलग रहने की बात कही। सब ने कहा कि जितना पैसा वे परिवरिश के लिए मांगेंगे हम देंगे। उनका पूरा खर्च उठाएंगे। इस बीच एक स्वामी का भागवत भी हुआ। महाराज ने भी उन्हें समझाया गया कि अलग मत रहो। पिता के देहांत के 20 दिन बाद वह घर से निकल गई। बहुत ढूंढने के बाद भी वह नहीं मिली।
वीडियो वायरल हुआ तब पता चला कि वह वृंदावन में है। लेकिन वह वापस आई ही नहीं। परिवार के प्रति उनकी प्रवृत्ति अच्छी नहीं रही है। इस बात को गांव वाले भी जानते हैं। मीडिया चाहे तो गांव आकर किसी से भी उनके बारे में पूछताछ कर सकते हैं। जब मेरे दादा-दादी और पत्नी का निधन हुआ तब भी वह घर में नहीं थी, उन्हें हम बार-बार ढूंढ कर लाते थे। हमने उनकी सेवा में कोई कोताही नहीं बरती है। इसके पहले भी तीन बार उनका वीडियो वायरल हुआ है और उनके द्वारा वीडियो में मेरे प्रति गंदे शब्द बोले गए हैं। जिससे मुझे मानसिक रूप से काफी प्रताड़ना होती है और इन सब परिस्थितियों से गुजरते हुए अब मैं थक चुका हूं। जब पिताजी खत्म हुए तब वह आई और दो दिन बाद बोलने लगी कि मैं साथ नहीं रहना चाहती। मुझे अलग करवा दो।
ग्राम विकास समिति के अध्यक्ष बीरीश कुमार देशमुख ने कहा कि माता और बेटे के बीच किस तरह संबंध है इस बारे में तो हम विशेष ज्यादा कह नहीं सकते। लेकिन मेरी जानकारी में है कि कभी उनके बेटे ने उनके साथ कोई मारपीट नहीं की है। वह महिला ही अपने ससुराल में रहना नहीं चाहती थी। अक्सर समय वह मायके में ही रहती थी। उनके द्वारा अपने बेटे के खिलाफ दुष्प्रचार किया जा रहा है।
प्राचार्य खुमान देशमुख के एक सहयोगी शिक्षक जितेश ठाकुर ने भी बताया कि जिस तरह से उनकी माता द्वारा उनके बेटे की छवि को प्रस्तुत किया जा रहा है ऐसा बिल्कुल नहीं है। 2011 से मैं उनके साथ पढ़ा रहा हूं और उनको उनसे पहले से भी जानता हूं। इस तरह वीडियो वायरल कर उनकी छवि को खराब किया जा रहा है। हम चाहते हैं कि खुमान जी को न्याय मिले। मामले और वीडियो की निष्पक्ष जांच हो ताकि सच्चाई सामने आए।