बालोद। रंगों का पर्व होली के पूर्व बिहान की महिलाएं हर्बल गुलाल तैयार करने में व्यस्त हो गई हैं। इन गुलालों की डिमांड शासकीय कार्यालय में खूब हो रही है। समूह इसका प्रचार प्रसार स्वयं एवं परिवार के सदस्यों द्वारा वाट्सएप स्टेटस एवं ग्रुप के माध्यम से कर रहे हैं। बिहान की महिलाएं चाहती हैं कि सभी शासकीय कार्यालयों से उनके द्वारा निर्मित हर्बल गुलाल की डिमांड हो। उल्लेखनीय है कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने सरकार महिला स्वसहायता समूहों को स्वरोजगार की व्यवस्था देती है। इन दिनों महिलाएं हर्बल गुलाल बनाने में व्यस्त हैं। समूह की महिलाओ ने बताया कि गत वर्ष जिला पंचायत के मार्गदर्शन में महिलाओं को हर्बल गुलाल बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। गत वर्ष हर्बल गुलाल से बिहान की महिलाओं को अच्छी आमदनी हुई। इस साल भी कई विभागों से हर्बल गुलाल की डिमांड बनी हुई है।
300 किलोग्राम गुलाल बनाने का लक्ष्यः हर्बल गुलाल के प्रयोग से पर्यावरण में होने वाले प्रदूषण को कम करने साथ ही साथ स्व सहायता समूहों की ग्रामीण महिलाओं के स्वरोजगार को बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। इस वर्ष लगभग 300 किलोग्राम गुलाल बनाने का लक्ष्य रख कर विक्रय किये जाने की योजना है। गुलाल का विक्रय विभिन्ना शासकीय कार्यालय, जिला पंचायत, कलेक्ट्रेट, जनपद पंचायतों में स्टॉल लगाकर तथा बालोद बाजार रिटेल शॉप में नियमित रूप से विक्रय किया जाएगा। हर्बल गुलाल से त्वचा को नुकसान नहीं : योजना प्रभारी नितेश साहू ने बताया कि हर्बल गुलाल फूल की पत्तियों या पंखुड़ी से बनाया जाता है। इसमें अरारोट तथा खाने का रंग मिलाया जाता है। इस गुलाल को लगाने से त्वचा को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है।
होली की तैयारी में जुटे युवा
होली का पर्व इस वर्ष 18 मार्च को मनाया जाएगा। इसे लेकर अभी से तैयारी शुरू हो गई है। होलिका दहन के लिए बधो व युवा आसपास के स्थानों से अनुपयोगी लकडयां व अन्य सामान इकट्ठा कर रहे हैं। शहर के कई स्थानों पर होलिका दहन होता है। होली त्योहार को लेकर सभी वर्ग में खासा उत्साह रहता है। बसंत पंचमी के लिए अरंडी का प़ेड लगाकर होलिका दहन के लिए लकड़ी इकट्ठा करना शुरू हो जाता है।
कोरोना की रफ्तार धीमी, उत्साह के साथ मनेगा त्योहार
इस बार कोरोना संक्रमण की रफ्तार धीमी है, तो त्योहार भी उत्साह के साथ मनाएंगे। होलिका दहन के लिए पखवाड़े भर पहले से ही तैयारी कर लेते हैं। युवाओं की टोली घर-घर पहुंचकर चंदा इकट्ठा करती है फिर इसी रकम से जलाऊ लकड;ी खरीदते हैं। युवाओं ने बताया कि इस बार भी होलिका का पूजन करने के बाद दहन किया जाएगा। इस अवसर पर लोकगीत और फाग गायन स्पर्धा का भी कार्यक्रम किया जाएगा। इसके लिए वार्ड की टोलियां तैयारियों में जुट गई है।