बालोद। खरखरा केनाल में व्याप्त गंदगी के मामले में जल संसाधन और खरखरा परियोजना की उदासीनता के खिलाफ स्थानीय युवाओं ने मुहिम छेड़ दी है। शहर के रोहन, डिलेश्वर, चीकू पटेल आदि युवा कूड़ा-कचरा और केनाल की सफाई में जुटे गए हैं। ऐसा इसलिए कि केनाल शहर के भीतर से होकर गुजरता है, जहां लोगों का आवागमन लगा रहता है। विगत कई वर्षों से जल संसाधन और खरखरा परियोजना के अफसरों ने केनाल की सफाई तक नहीं कराई है। केनाल के दोनों तरफ सड़क में कटीली झाड़ियां उग आई है। लोगों को आने जाने में दिक्कत हो रही और बड़ी झाड़ियां उग आने से दुर्घटना का डर बना हुआ है। नहर पुल सब गंदगी से भरा हुआ है, लेकिन सफाई पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इससे मोहल्लावासियों में आक्रोश है।
वहीं, इससे उठने वाली दुर्गंध से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। दस्तावेजों में भले ही नहर सफाई का काम हुआ हो, लेकिन हकीकत में ऐसा कुछ नहीं। आज भी नहर कचरे से अटी पड़ी है, जिससे गंदगी उठती रहती है।
बीएसपी और तांदुला से कनेक्ट है खरखरा जलाशय
वर्तमान में भिलाई स्टील प्लांट और तांदुला जलाशय खरखरा से कनेक्ट है। खरखरा से इन्हें पानी दिया जाता है। नहर में सिंचाई के लिए भी पानी छोड़ा जाता है। मुख्य रूप से आमापारा तक नहर में गंदगी लगातार मिलती रहती है। वहीं, नहर में इतनी झाड़ियां उग आई है जिससे नहरों की स्थिति बहुत ज्यादा खराब हो गई है।
नहर की सफाई और मरम्मत का ध्यान नहीं
सरकारी उदासीनता का आलम यह है कि कई सालों से नहर की सफाई तक नहीं की गई। नहर में जहां गंदगी का अंबार लगा है। वहीं पूरी नहर में शिल्ट जमा हो गई है। वार्डवासियों का कहना है कि शहरी इलाके में नहर को न तो साफ किया जाता और न ही इसकी मरम्मत। नहर में फैलने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए विभाग सिर्फ कागजों में योजना बनाती है। हालांकि विभाग का कहना है कि वर्षाकाल के दौरान नहर की सफाई कराई गई है।