
अनिल मिश्रा, रायपुर। बस्तर में सड़कों के किनारे जहां नेता चुनाव प्रचार कर रहे हैं वहीं जंगल में नक्सली नुक्कड़ नाटकों के जरिए चुनाव बहिष्कार का संदेश दे रहे हैं। नक्सलियों की चेतना नाट्य मंडली (सीएनएम) दक्षिण बस्तर के जंगलों में सक्रिय है।
सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा जिलों में अंदरूनी इलाकों में इन दिनों रोज सीएनएम के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इन कार्यक्रमों में नाटक, गीत और भाषणों के जरिये चुनावों को ढकोसला बताया जा रहा है। सूत्र बता रहे हैं कि सीएनएम के कार्यक्रमों में बीच-बीच में बड़े नक्सली नेता भी पहुंच रहे हैं। इन आयोजनों में काफी भीड़ हो रही है।
नक्सल प्रभावित बस्तर में चुनाव कराना हमेशा एक बड़ी चुनौती रहा है। नक्सली लोकतंत्र का विरोध करते हैं और अपने आधार वाले इलाकों में आदिवासियों को चुनाव से दूर रहने की हिदायत देते हैं। वे मतदान करने पर उंगली काट देने तक की धमकी देते रहे हैं फिर भी बस्तर में आदिवासी नदी-नाला, पहाड़ लांघकर वोट डालने आते रहे हैं।
जिन इलाकों में नक्सलियों का प्रभाव है वहां नक्सली चुनाव बहिष्कार करने के लिए धमकी भले ही देते हैं, हकीकत यह है कि यह धमकी सांकेतिक ही रहती है। उनका आधार उन्हीं आदिवासियों के बीच है जो लोकतंत्र में भरोसा रखते हैं। ऐसे में नक्सलियों के पास सख्ती करने की बजाय समझाइश देने का विकल्प ही बचता है। सीएनएम के कार्यक्रम वैसे तो सालभर आयोजित किए जाते हैं।
इसके जरिये नक्सली अपनी विचारधारा का प्रचार करते हैं। नक्सलियों ने सीएनएम के लिए स्थानीय गोंडी भाषा में नाटक, गीत, प्रहसन आदि तैयार किए हैं। नृत्य नाटिकाओं के माध्यम से नेताओं का मजाक उड़ाया जाता है। बस्तर के एक नेता ने बताया कि वे तो सड़क से दो किमी अंदर नहीं जा पा रहे हैं। नक्सलियों का बहुत दबाव है। नेता अपने कार्यक्रम जिला मुख्यालय के अलावा कस्बों और ऐसे गांवों में कर रहे हैं जहां पुलिस कैंप हैं।
नक्सल पर्चों में नेताओं को मार भगाने की बात
नक्सलियों ने बस्तर में जगह-जगह पर्चे फेंककर चुनाव बहिष्कार करने की बात कही है। इन पर्चों में नेताओं को गांव में न घुसने देने की और आने पर पकड़कर नक्सली जन अदालत में लाने को कहा गया है। ऐसे में नेता अंदर के इलाके में जाकर कोई रिस्क नहीं लेना चाहते।
बीजापुर के जंगलों में नक्सलियों का जमावड़ा
बीजापुर जिले के पामेड़ इलाके में नक्सलियों के जमावड़े की सूचना है। गत दिनों कोंडापल्ली गांव में नक्सलियों ने सीएनएम की बड़ी रैली और सांस्कृतिक आयोजन किया। इस इलाके के गांवों में नक्सलियों की दक्षिण बस्तर सब जोनल कमेटी चुनाव बहिष्कार में सक्रिय है।
विधानसभा में चुप थे नक्सली
चार महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव में नक्सली खामोश थे जबकि लोकसभा का चुनाव आते ही लगातार वारदात कर रहे हैं। नक्सली भारतीय गणराज्य से युद्ध का दावा करते हैं इसलिए लोकसभा के चुनाव में मौजूदगी दिखाने पर आमादा हैं। समस्या को देखते हुए निर्वाचन आयोग ने बीजापुर जिले में 111 मतदान केंद्रों का स्थल परिवर्तन भी किया है।