नईदुनिया प्रतिनिधि, जगदलपुर: बस्तर जिले में ठगी का अनूठा मामला सामने आया है, जहां एक सरपंच पति ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ वाली अपनी तस्वीर दिखाकर बस्तर के बेरोजगार युवाओं को बड़ा चूना लगा दिया है। यह शख्स भूपेश बघेल और अपने तस्वीर दिखाकर बेरोजगारों को जाल में फंसा लिया और उन्हें नौकरी दिलाने का झांसा देकर उनसे 20 लाख रुपए ऐंठ लिए।
सीमावर्ती राज्य ओडिशा में पंजीकृत सांई ट्रस्ट नाम से संचालित संस्थान में नौकरी दिलाने का प्रलोभन देकर जिला समन्वयक पद पर कार्यरत सरपंच पति सोनसिंह मौर्य ने जिले के 7 विकासखंडों के दर्जनों बेरोजगार युवाओं से 20 लाख से अधिक की राशि की ठगी की है।
पीड़ित युवकों ने इस मामले की शिकायत बस्तर कलेक्टर और एसपी से कर उचित कार्रवाई करते हुए राशि दिलाने की गुहार लगाने वाले हैं। दर्जनों युवाओं को इन भारी भरकम वेतन दिलाने का प्रलोभन दिया गया था। अब वेतन तो क्या इन बेरोजगारों को स्वयं की रकम वापसी के लिए तथाकथित जिला समन्वयक के दरभा विकासखंड स्थित गृहग्राम मंगनार के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। बेरोजगारों का राशि वापस मिलने की चिंता सता रही है।
ठगी का शिकार हुए युवाओं ने बताया कि जिले के दरभा विकासखंड के सोनसिंह मौर्य जो सरपंच पति हैं, ने वर्ष 2021-22 में विभिन्न ब्लॉक के युवाओं से संपर्क साधा और उन्हें ओड़िशा की सांई ट्रस्ट नामक संस्था में नौकरी दिलाने का प्रलोभन दिया था। मौर्य ने बेरोजगार युवाओं को बताया था का संस्था का मुख्य कार्यालय ओड़िशा के बिंदोपाड़ा, राजसुनखाला, नयाधर में है और यह पंजीकृत संस्था है। जिसका पंजीयन क्रमांक 41131903998 है। सोनसिंह मौर्य स्वयं को संस्था का बस्तर जिला प्रमुख बताता था।
संस्था के ब्लॉक समन्वयक पद पर नौकरी दिलाने के नाम पर 25 से अधिक युवाओं से 50-50 हजार रुपये की वसूली की गई थी। वहीं ग्राम पंचायत समन्वयक के पद पर नौकरी दिलाने 5 से 10 हजार उगाही की गई थी। युवाओं ने बताया कि इस तरह दर्जनों युवाओं से 20 लाख से अधिक की ठगी की गई है।
पीड़ित नरसिंह ध्रुव, महेंद्र कश्यप, जगदीश कश्यप, गोविंद बिसाई, सुभाष बघेल, रेणुका कश्यप, बलीराम बघेल सहित अन्य युवकों ने बताया कि सोनसिंह मौर्य के आईसीआईसीआई बैंक के खाता क्रमांक 5986101001275 में हमने राशि भेजी थी। कई युवकों ने 9770705179 के मोबाईल नंबर पर राशि ट्रांसफर की है। युवकों से लगातार ग्रामीण क्षेत्रों में काम लिया जाता रहा है और लगभग 2 वर्ष का वक्त गुजरने के बाद भी युवकों को वेतन का एक भी रूपया और नौकरी का दस्तावेज नहीं मिलने पर युवकों को समझ में आया कि वे ठगी का शिकार हो चुके हैं।
दो वर्ष बाद युवाओं को अहसास हुआ कि हम सभी ठगी का शिकार हो गए हैं तब सभी ने अपनी राशि वापस मांगना शुरू किया तो सोन सिंह मौर्य गोल मोल जवाब देते हुए बचने की कोशिश करता रहा और इनके संपर्क से दूर होता चला गया। अब युवक राशि पाने के लिए उसके गांव एवं करीबी रिश्तेदारों के घरों के चक्कर लगाते फिर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार सरपंच पति को एक कांग्रेस नेता का संरक्षण प्राप्त था जो इनती मोटी रकम की उगाही कर इन दिनों अंडरग्राउंड हो गया है। सोनसिंह मौर्य पूर्व सरकार के मुखिया के कार्यक्रमों में भी शामिल होकर संस्था के नाम का पूर्व मुख्यमंत्री के हाथो प्रमाण पत्र भी अर्जित कर चुका है। बताया जा रहा है कि इसी फोटो को दिखाकर ग्रामीणों को नौकरी लगाने का प्रलोभन देकर मोटी रकम वसूलता रहा। सत्ता से विदाई के बाद ही उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया और युवा अब घर के रहे न घाट के।
ठगी का शिकार हुए युवाओं ने बताया कि इस मामले की शिकायत वे अब बस्तर कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से कर राशि वापसी कराने के साथ सरपंच पति के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग करेंगे।
जानकारी के अनुसार बस्तर प्रवास के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से भी सोनसिंह मौर्य ने मुलाकात कर बेबी फूड सांई ट्रस्ट संचालित करने ज्ञापन सौंपा था। ज्ञापन देते समय मुख्यमंत्री के साथ उसने फोटो भी खिंचवाई थी। इसी फोटो की आड़ लेकर और उसे हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर सोनसिंह मौर्य युवकों तथा ग्रामीणों को दिगभ्रमित करता रहा। इसी फोटो के दम पर नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी का खेल खेला गया। मुख्यमंत्री के साथ उसकी फोटो देखकर बेरोजगार युवा उसके प्रभाव में आए और अपनी राशि सोनसिंह के खाते में जमा करा दी।
सोनसिंह मौर्य ने इस बात को स्वीकार किया है कि उसे सांई ट्रस्ट द्वारा जिला समन्वयक के पद पर नियुक्त किया गया था। सोनसिंह ने यह स्भी वीकार किया कि बस्तर जिले के दर्जनों ग्रामीणों से 12 लाख 89 हजार राशि अपने खाते में जमा कराई थी। मौर्य ने बताया कि संस्था के पास मेरा 80 लाख से अधिक राशि जमा है, जिसे संस्था लौटा नहीं रही है। उसने कहा कि राशि मिलते ही सभी युवाओं की राशि लौटा दी जाएगी।