बेमेतरा (नईदुनिया न्यूज)। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान डाइट बेमेतरा में समाधान महाविद्यालय बेमेतरा के संयुक्त तत्वावधान में शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला हुई। इसमें समाधान महाविद्यालय और मेगा मेमोरी मिरेकल के डायरेक्टर अवधेश पटेल ने माइंड पावर ट्रेनिंग दी। उन्होंने बताया कि ब्रेन और माइंड यानी मष्तिस्क और मन में बहुत अंतर है। मन साफ्टवेयर है तो मस्तिष्क हार्डवेयर। मन एक ऊर्जा है जिसे देख और छू नहीं सकते, परंतु यही मन ब्रेन के माध्यम से पूरी शारीरिक गतिविधियों की भलीभाति संचालन करती है।
उन्होंने कहा कि आधुनिक मनोविज्ञान के अनुसार हमारा मन तीन भागों में विभाजित है चेतन मन, अवचेतन मन और अचेतन में। चेतन और अचेतन मन का मिलाजुला रूप ही अवचेतन मन है। हमारे अवचेतन मन चेतन मन की तुलना में अद्भुत शक्ति शक्ति है। दिन भर की जागृत अवस्था की क्रियाकलाप हम चेतन मन की सहायता से संचालित करते हैं। इसे जागृत मन भी कहा गया है जो कि निर्णय लेना, तर्क करना आदि वैचारिक क्रियाओं का का संचालन करती है। वहीं अवचेतन मन शरीर के सभी अनैच्छिक क्रियाओं का संचालन करती है। हमारे अवचेतन मन में संकल्प शक्ति, इच्छा शक्ति, आदत, टेलीपैथी, दीर्घकालीन स्मृति जैसी अद्भुत शक्ति मानसिक शक्तियां हैं जिसका सही तरीके से प्रशिक्षित करके कोई भी इंसान अपने मानसिक शक्तियों को जगा सकता है। अपनी जिंदगी को बेहतर बना सकता है।
विचारों को कार्यान्वित करता है अवचेतन मन
अवचेतन मन में कोई बात कोई विचार कोई संकल्प यदि अच्छी तरह से पहुंचा दिया जाए तो वह व्यवहारिक दुनिया मे अवश्य पूरा होता है। क्या सही है और क्या गलत है इसका निर्णय चेतन मन करता है परंतु अवचेतन मन निर्णय नहीं करता। वह तो विचारों को कार्यान्वित करने का काम करता है। कोई भी संकल्प या विचार यदि बार बार दुहराई जाए, कल्पना और भावनात्मक तरीक़े से किया जाए तो वह अवचेतन मन तक पहुंच जाता है और उसका प्रभाव जिंदगी में दिखाई देता है। जिस विचार को हम दृढ़ता से मान लेते हैं भले ही वह सही हो या गलत वह हमारे साथ वास्तविकता में घटने लगता है उसका प्रभाव हमारी जिंदगी में पड़ने लगता है। इसके लिए माइंड ट्रेनर अवधेश पटेल ने 4-5 उदाहरण देते हुए बताया कि विचारों का असर हमारे शरीर मे भी पड़ता है। यदि हम स्वस्थता के विचार करें तो हम स्वस्थ होने लगेंगे और बार बार बीमारियों का चिंतन करेंगे तो बीमार भी होने लगेंगे। सफलता के विचार हमें सफलता की तरफ ले जाती है और असफलता के विचार हमें असफलता की ओर ले जाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (ॅभ्व्) के अनुसार 85 प्रतिशत से अधिक बीमारियां मनोदैहिक, मनोशारीरिक रोग है। मन को ठीक करके, मानसिक शक्तियों को जानकर हम अपने मानसिक और शारीरिक रोगों को भी ठीक कर सकते हैं।
विद्यार्थी शक्तियों को जगाकर पा सकते हैं लक्ष्य
विद्यार्थी अवचेतन मन की शक्तियों को जगाकर अपने लक्ष्य को पा सकते हैं। प्रत्येक व्यक्ति को अपने मानसिक शक्तियों को जानना आवश्यक है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य भुवाल, डा बसुबन्धु दीवान, जीएल खूंटियारे, धृतलहरे मैडम एवं जिले के शिक्षक प्रशिक्षणार्थी में साथ साथ डीएलएड के विद्यार्थीगण भी उपस्थित रहे। अंत मे प्राचार्य डा. भुवाल ने कहा कि यह माइंड पावर प्रशिक्षण सभी टीचर्स और विद्यार्थियों के लिए अत्यंत उपयोगी है। माइंड पावर के माध्यम से टीचर्स और विद्यार्थी अपने शैक्षणिक लक्ष्यों को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। आभार व्यक्त डाइट के प्राध्यापक जी.एल. खूंटियारे ने किया।