बेमेतरा (नईदुनिया न्यूज)। शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला मटका में हिंदी दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर औषधीय पौधों की महत्ता पर परिचर्चा एवं पौधारोपण किया गया। बच्चों ने हिंदी दिवस पर रोचक कविताएं प्रस्तुत की। यह कार्यक्रम कोरोना वायरस के प्रभाव को देखते हुए मोहल्ला क्लास लगाकर मनाया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत शिक्षक राजेंद्र साहू ने बच्चों को हिंदी दिवस पर शुभकामनाएं देते हुए की। उन्होंने हिंदी भाषा के महत्व को समझाया, साथ ही हिंदी की आज के समाज में स्थिति पर प्रकाश डाला। शिक्षिका ज्योति बनाफर ने आयुर्वेद के महत्व को समझाते हुए कहा कि जो शास्त्र (विज्ञान) आयु (जीवन) का ज्ञान कराता है उसे आयुर्वेद कहते हैं। साथ ही नीम, गिलोय, चिरायता, तुलसी, एलोवेरा आदि पौधों के महत्व व उपयोग की जानकारी दी। कार्यक्रम में 26 छात्र-छात्राएं व प्रधान पाठक सहित समस्त शिक्षकगण उपस्थित रहे।
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जपं बेरला में पानी की हो रही बर्बादी
बेरला (नईदुनिया न्यूज)। जनपद पंचायत बेरला में पेयजल की बर्बादी हो रही है। यहां के पाइप लाइनों में जगह-जगह लिकेज हो गए हैं जिसके चलते पानी व्यर्थ बह रहा है। इसके बावजूद जिम्मेदार कर्मचारी-अधिकारी द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है। वहीं जनपद पंचायत से 20 से 30 मीटर दूर बस स्टैंड जाने वाली सड़क के किनारे लगाई गई पाइप पर भी लिकेज है, जिसके चलते यहां भी पानी व्यर्थ बहते रहता है।
ज्ञात हो कि पिछले साल 2019 में घरों में पानी सप्लाई के लिए सड़क किनारे जमीन के भीतर पाइप बिछाई गई जिसमें लिकेज होने से कई लोग बीमार हो गए थे। कई लोगों को साजा के सरकारी अस्पताल में भर्ती भी कराया गया था। लोगों का कहना है कि यदि यही स्थिति रही तो बेरला के ग्रामीण भी बीमार हो सकते हैं। बेरला जनपद पंचायत परिसर में प्रतिदिन लगभग सैकड़ों लीटर पानी व्यर्थ बहाया जा रहा है, दूसरी ओर शासन-प्रशासन द्वारा जल ही जीवन है कहते हुए जल बचाव का संदेश दिया जाता है। लेकिन यहां जनपद पंचायत परिसर में ही पानी की बर्बादी हो रही है, बावजूद अधिकारियों का ध्यान नहीं है। जपं पंचायत में न तो वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के प्रावधानों का पालन हो रहा है और न ही वाटर रिसाइक्लिंग की योजनाएं बनाई जा रही है। वहीं जनपद परिसर से भी लोगों के घरों में पानी की सप्लाई की जाती है। इसके लिए बिछाई गई पाइप पर लिकेज होने के कारण सड़क पर पानी व्यर्थ बह रहा है। पाइप की मरम्मत नहीं किए जाने के कारण हजारों लीटर बर्बाद हो रहा है।