बेमेतरा (नईदुनिया प्रतिनिधि)। जिला चिकित्सालय बेमेतरा में इसे विडंबना ही कही जा सकती है कि एक ओर जहां विशेषज्ञ चिकित्सकों की अनुपस्थिति लोगों की लिए परेशानी का कारण है, वहीं उपलब्ध चिकित्सक ड्यूटी पर उपलब्ध नहीं होते। सिविल सर्जन लगातार चिकित्सकों को समय पर उपस्थित रहने के निर्देश देते रहते हैं, उसके बाद भी जिस तरह से अकर्मण्यता की हालत जिला चिकित्सालय में बनी हुई है, वह मरीजों के लिए बड़ी परेशानी का कारण है। लोग बड़ी उम्मीद से जिला चिकित्सालय पहुंचते तो हैं, किंतु चिकित्सकों को अनुपस्थित पाकर मायूस लौटना पड़ता है। सूत्र कहते हैं कि मनमानी के हालात जिला चिकित्सालय में पदस्थ कर्मियों तथा लेखापाल के भी हैं। अपने उधा अधिकारी के निर्देश का पालन करने की बजाय गुटबाजी में लगे रहते हैं। अधिकारी पर दबाव डालकर मनमानी करने में लगे रहते हैं। उधा अधिकारी या संस्था प्रमुख के द्वारा काम के लिए दबाव बनाया जाता है तो उसे मानसिक प्रताड़ना की बात कहकर शिकायत करने पर उतारू होते हैं।
लेखापाल को कई बार जारी किया जा चुका है नोटिस
बहरहाल ये तमाम हालात जिला चिकित्सालय प्रभारी के लिए परेशानी के कारण हैं। कई बार ऐसी स्थिति बनी कि संविदा कर्मी या दैनिक वेतन भोगी कर्मियों को समय पर वेतन लेखापाल की नाकामी की चलते नहीं मिल पाता। इस संबंध में सिविल सर्जन के द्वारा लेखापाल को कई बार कारण बताओ नोटिस जारी किया जा चुका है, किंतु वह संस्था प्रमुख के नोटिस का जवाब देना भी आवश्यक नहीं समझता।
नियमित ड्यूटी करें तो लोगों को मिल सकती है राहत
बेमेतरा कलेक्टर द्वारा यह पहल की जा चुकी है कि डीएमआरएफ फंड से विशेषज्ञ चिकित्सक की नियुक्ति वह करने की लिए तैयार हैं। यह निश्चित रूप से जिला प्रशासन की संवेदनशीलता है, किंतु इसके अलावा उपलब्ध चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी नियमित रूप से सेवा में उपस्थित रहें तो लोगों की परेशानी काफी हद तक कम हो सकती है, उन्हें राहत मिल सकती है।
एकमात्र शिशु रोग विशेषज्ञ, वह भी संलग्न
इसे विडंबना ही कही जा सकती है कि एकमात्र शिशु रोग विशेषज्ञ चिकित्सक डाक्टर वीरे की पदस्थापना की गई है, किंतु शिशुओं के उपचार को नजरअंदाज कर सीएमएचओ बेमेतरा की द्वारा उन्हें अपने आफिस में प्रशासनिक व्यवस्था के लिए संलग्न कर लिया गया है। इसका परिणाम है कि शिशुओं को समुचित रूप से उपचार देने में जिला चिकित्सालय में काफी दि-तें आ रही हैं। हालांकि वर्तमान पदस्थ सिविल सर्जन वंदना द्वारा समुचित प्रयास किया जाता है कि मरीजों का उचित उपचार समय पर हो सके, वे स्वयं भी उपचार करने में पीछे नहीं रहतीं, किंतु चिकित्सकों की मनमानी लगभग हर समय परेशानी का कारण अवश्य ही बनती है। सूत्र कहते हैं कि इतना ही नहीं, पहले जिला चिकित्सालय में हुई आर्थिक अनियमितता व अन्य कई तरह की अनियमितताओं को अब वर्तमान जिला चिकित्सालय प्रभारी पर लादने का काम भी कुछ लोगों की द्वारा एक सुनियोजित साजिश की तहत किया जा रहा है। बारीकी से जांच की जाए तो सारी परिस्थितियां स्पष्ट भी हो सकती हैं।
मनमानी कई बार आई सामने
इस संबंध में जिला चिकित्सालय प्रभारी वंदना भेले ने कहा-कर्मियों को नियमित उपस्थिति के लिए दिशा-निर्देश जारी किए जाते हैं। वहीं मनमानी की बात भी कई बार सामने आई है, जिन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है।