भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र के टाउनशिप में मुर्गा चौक पर यातायात दबाव को देखते हुए बीएसपी एक और प्लान बना रहा है। चौक से पहले आईआर विभाग के पीछे से एक रोड बना कर सीधा डिस्पोजल गेट तक निकालने की तैयारी है।
इससे भारी वाहनों का दबाव सेंट्रल एवेन्यू अथवा उससे कनेक्टिंग अन्य रोड पर नहीं आएगा। इसके लिए कवायद शुरू कर दी गई है।
भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा वर्ष 2007 में शुरू की गई आधुनिकीकरण योजना के बाद भारी वाहनों की आवाजाही अधिक हो गई है। प्रबंधन द्वारा मुर्गा चौक पर ओवरब्रिज का निर्माण का निर्माण कराया गया है बावजूद राहत नहीं है। खुर्सीपार से बोरिया गेट की ओर जाने वाले सभी भारी वाहन मुर्गा चौक वाले रास्ते का ही उपयोग कर रहे हैं।
जिससे ड्यूटी जाने वाले संयंत्र कर्मियों की सुरक्षा दांव पर लग रही है।
नो एंट्री के दौरान भी भारी वाहनों की आवाजाही जारी रहती है। सड़क दुर्घटना का खतरा बना रहता है। संयंत्र में ड्यूटी शुरू होने के आधे घंटे पहले और बाद तक भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक है इसलिए परिचालक भी पाली प्रारंभ होने के पहले ही सड़कों पर पा वाहन को पार कर देते हैं।
कर्मचारियों को जा ड्यूटी आते जाते समय इनके बीच में से ही में होकर गुजरना होता है। कई बार तो ट्रक चालक नो एंट्री टाइम को नजरअंदाज कर देते हैं।
इस स्थिति को देखते हुए संयंत्र प्रबंधन ने नई योजना तैयार की है। इसमें सेक्टर-1 मुर्गा चौक के पास स्थित आईआर विभाग के पीछे से एक रोड बनाया जाएगा। यहा रोड सीधे संयंत्र के डिस्पोजल गेट तक जाएगा। इस रोड से ही भारी वाहन वाहन डिस्पोजल गेट से अंदर चले जाएंगे।
बाहर निकासी का रास्ता भी यही होगा। प्रबंधन का मानना है कि इस रोड के बनने से भारी वाहन मुर्गा चौक वाले रोड पर नहीं जाएंगे और वहां यातायात का दबाव नहीं रहेगा।
बोरियो गेट को प्राथमिकता
भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन द्वारा बोरिया गेट पर लगने वाले जाम से राहत के लिए प्राथमिकता से कदम उठाया जा रहा है। यहां पर पार्किंग में कंट्रोल रूम बनते ड्राइवरों को लिए टोकन सिस्टम की सुविधा शुरू करने की तैयारी है। वहीं दूसरी ओर चौक पर लगने वाले जाम को रोकने के लिए चौक से पहले ही हाइट गेज लगा दिया गया है।
इससे भारी वाहन सीधे चौक पर जाने की बजाए अब पहले पार्किंग में जा रहे हैं। यहां उल्लेखनीय है कि बीएसपी के बोरिया गेट पर ही भारी वाहनों का दबाव सर्वाधिक रहता है। इसके अलावा कर्मचारियों व अफसरों का भी अन्य गेट की तरह इस गेट से भी आना जाना होता है।