Bhilai News: अयोध्या के श्री राम मंदिर परियोजना में लगा बीएसपी का 11 सौ टन सरिया, विशेष ग्रेड के इस सरिया में है कई खूबियां
बीएसपी के अनुसार अब तक कुल 11 सौ टन सरिया की आपूर्ति की गई। अयोध्या में श्री राम मंदिर परियोजना के लिए सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के आधुनिक बार एंड राड मिल और मर्चेट मिल दोनों में विशेष ग्रेड के सरिया की रोलिंग की गई। इसमें 12 मिमी व्यास से लेकर 32 मिमी व्यास वाले सरिया का निर्माण कर आपूर्ति की गई।
By Pramod Sahu
Edited By: Pramod Sahu
Publish Date: Thu, 11 Jan 2024 08:17:27 PM (IST)
Updated Date: Thu, 11 Jan 2024 08:55:14 PM (IST)
बीएसपी का बार एंड राड मिल, जहां विशेष ग्रेड के सरिया की रोलिंग की गई। फोटो: बीएसपीभिलाई (नईदुनिया प्रतिनिधि)। अयोध्या में 22 जनवरी को जिस भव्य मंदिर में भगवान श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्ठा होगी उस परियोजना में भिलाई इस्पात संयंत्र में बना 11 सौ टन सरिया लगा है। यह सरिया विशेष ग्रेड का है जो बेहतर गुणवत्ता, जंगरोधी गुणों से युक्त होने के साथ ही उच्च क्षमता वाला है जो भूकंप को भी झेलने में सक्षम है।
समुद्र से लेकर अंतरिक्ष तक देश के देश की रक्षा, अनुसंधान एवं अन्य विकास योजना में अपनी अहम भूमिका निभाने वाला भिलाई इस्पात संयंत्र एक और इतिहास रचने की ओर अग्रसर है। अयोध्या में बन रहे भव्य श्री राम मंदिर परियोजना के निर्माण में भिलाई का फौलाद लग रहा है। इसके लिए भिलाई इस्पात संयंत्र विशेष ग्रेड का टीएमटी बार (सरिया) की आपूर्ति की है।
12 एमएम से लेकर 32 एमएम व्यास वाले सरिया का निर्माण किया गया
परियोजना के शुरू होने पर बेस वर्क के लिए सन् 2022 मई तक कुल 190 टन टीएमटी बार (सरिया) की आपूर्ति की गई थी। इसके बाद से अलग अलग चरणों में विशेष ग्रेड 550 डी वाले सरिया की लगातार आपूर्ति की गई। बीएसपी के अनुसार अब तक कुल 11 सौ टन सरिया की आपूर्ति की गई। अयोध्या में श्री राम मंदिर परियोजना के लिए सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के आधुनिक बार एंड राड मिल और मर्चेट मिल दोनों में विशेष ग्रेड के सरिया की रोलिंग की गई। इसमें 12 मिमी व्यास से लेकर 32 मिमी व्यास वाले सरिया का निर्माण कर आपूर्ति की गई। जिससे श्री राम मंदिर परियोजना के तहत हो रहे सभी निर्माण को बेहतर मजबूती मिले।
विशेष ग्रेड के सरिया की यह खासियत
इस ग्रेड का सरिया बेहतर गुणवत्ता, जंगरोधी गुणों से युक्त उच्च क्षमता वाला होने के साथ ही भूकंप को भी झेलने में सक्षम है। इस वजह से ही अयोध्या के श्री राम मंदिर परियोजना में इसका उपयोग किया जा रहा है। इस तरह के टीएमटी का उपयोग देश में बांध, थर्मल, परमाणु ऊर्जा परियोजना, फ्लाईओवर, सुरंग, बांद्रा वर्ली सी लिंक ब्रिज, स्टैच्यू आफ यूनिटी, आगरा एक्सप्रेस वे जिस पर लड़ाकू विमान उतरे हैं में भी इस्तेमाल किया गया है।