भिलाई। रेलवे के चरोदा लाबी (रनिंग स्टाफ कार्यालय)में मंगलवार को लोको पायलट (चालक) और असिस्टेंट लोको पायलट (सहायक चालक) ने जमकर नारेबाजी की। वे रेल बोर्ड के उस आदेश का विरोध कर रहे थे जिसमें लोको पायलट से कहा गया है कि उन्हे ही अब टूल बाक्स उठाना होगा। इसके लिए उन्हें ट्राली बैग दिया जाएगा। अब तक टूल बाक्स उठाने जो कर्मचारी लगाए जाते हैं वह भी हटाए जांएगे। इस आदेश से भड़के लोको पायलट ने रेल प्रशासन का पुतला दहन किया।
इसके अलावा सांकेतिक रूप से टूल बाक्स एवं बैग को भी जलाकर विरोध दर्ज किया।
रेलवे के चरोदा लाबी में आल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन (एआइएलआरएसए) द्वारा मंगलवार को विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया। लाबी के बाहर सुबह से शाम तक प्रदर्शन चला और इसमें लोको पायलट एवं सहायक लोको पायलट शामिल हुए।
उन्होंने लाइन बाक्स (टूल बाक्स ) की जगह ट्राली बैग देने का विरोध किया गया।आल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन के रायपुर संभाग के सचिव जयशंकर शर्मा ने कहा कि कुछ दिन पहले रेल मंत्री ने हादसों को टालने के लिए कवच नामक यंत्र का सफल परीक्षण किया गया। एक ओर देश विज्ञान और तकनीकी में नित नए खोज कर रेल यात्रा को सुरक्षित बनाने के प्रयास में रेल आगे बढ़ रहा है, तो दूसरी ओर रेल प्रशासन के नकारात्मक सोच के कारण लोको और ट्रेन में ड्यूटी के दौरान टूल्स जो को टूल बाक्स में रहते हैं उन्हे इंजन में ही न उपलब्ध कराकर उसे लोको पायलट से ट्राली बैग में ढुलवाने का फरमान जारी कर रहा है।
ट्राली बैग लोको पायलट के सम्मान पर आघात
उन्होंने कहा कि एक तरह से रेलवे इन लाइन बाक्स को उठाने का काम करने वाले ठेका एजेंसी पर होने वाले खर्च से बचना चाह रहा है। जयशंकर शर्मा ने कहा कि संगठन का मानना है कि यह ट्राली बैग लोको पायलट के सम्मान पर आघात करने जैसा है। रनिंग स्टाफ अपने सम्मान और रेल को सुचारू रूप से चलाने की लड़ाई मजबूती से लड़ेगा। यदि टूल बाक्स इंजन में ही लगा दिया जाता है तो पैसो के साथ और कीमती समय की बचत होगी।