भिलाई। Mahadev App Case: महादेव एप मामले में गिरफ्तार दीपक नेपाली को कथित तौर पर संरक्षण देने के आरोप में लाइन हाजिर हुए एसआइ राजेश मणि ने कहा कि उन पर लगाए गए आरोप गलत व निराधार हैं। दीपक नेपाली तो दूर महादेव एप से जुड़े किसी भी लोगों से उनका कभी कोई संपर्क नहीं रहा। कुछ लोग उनकी छवि को धूमिल करने की साजिश रच रहे हैं।
एसएआइ राजेश मणि सिंह ने कहा कि उन्होंने इस विषय को लेकर जिले के पुलिस कप्तान से मुलाकात कर अपनी बात रखी। यह भी कहा कि मामले की जांच करा ली जाए। यदि उनका किसी से कोई भी संपर्क निकला तो वह किसी भी विभागीय सजा के लिए तैयार है।
राजेश मणि ने बताया कि वह पुलिस विभाग की तरफ से नेशनल खेल चुके हैं। वह हमेशा अपने विभागीय कर्तव्यों के प्रति निष्ठावान रहे हैं। इतने वर्ष की ड्यूटी में कभी कोई आरोप नहीं लगा सकता। दीपक नेपाली को संरक्षण देने की बात कहां से आई, उन्हें नहीं पता, पर वह कभी उससे ना तो मिले हैं, न किसी अन्य माध्यम से संपर्क से किया है।
वैशाली नगर थाने में पदस्थ सब इंस्पेक्टर राजेश मणि सिंह जांच के घेरे में आ गया है। एसएसपी ने उसे लाइन हाजिर कर दिया है। राजेश पर कुख्यात बदमाश दीपक नेपाली को संरक्षण देने का आरोप है। खबर यह भी है कि पुलिस विभाग के कुछ और बड़े नाम सामने आ सकते हैं। फिलहाल इसकी जांच कर रही है।
दीपक नेपाली छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों में महादेव गेमिंग एप का पैनल बांटता था। बता दें कि दुर्ग पुलिस ने मंगलवार को कुख्यात बदमाश दीपक नेपाली को गिरफ्तार किया। उसके बयान के आधार पर वैशाली नगर थाने में पदस्थ एसआइ राजेश मणि पर गाज गिरी। राजेश मणि भिलाई तीन, उतई सहित जिले के विभिन्न थानों में पदस्थ रहा। वैशाली नगर थाने में पदस्थ रहने के दौरान दीपक नेपाली उसके संपर्क में आया।
राजेश मणि पर आरोप है कि वह वैशाली नगर थाना टीआई के नाम पर दीपक नेपाली से हर महीने मोटी रकम लेता था। जब यह बात एसएसपी रामगोपाल गर्ग तक पहुंची तो उन्होंने फौरन राजेश को लाइन हाजिर कर दिया। इस मामले की जांच शुरू करवा दी। यह बात भी सामने आ रही है कि पुलिस जांच में राजेश मणि जैसे कई नाम सामने आ सकते हैं। इधर दीपक नेपाली को पुलिस ने बुधवार न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।